आपके जैसे सैकड़ों निवेशक रोज़ाना यह सवाल पूछते हैं: इंश्योरेंस पॉलिसी कब तक चालू रहनी चाहिए? एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त कोई भी व्यक्ति कई सारे पहलूओं पर विचार करता है, लेकिन परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य होने के नाते आपको दो प्रमुख फैसले लेने होते हैं – कितना कवरेज लें और पॉलिसी की अवधि कितनी होगी। टर्म प्लान की वास्तविक अवधि जानना उतना ही ज़रूरी है जितना कवरेज राशि का फैसला करना।
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि का फैसला करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि पहले अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों की अवधि पता करें। कई लोगों के लिए उनके लोन का भुगतान अधिक से अधिक उनके नौकरीपेशा जीवन के अंत तक चलता है।
अगर आप 60 वर्ष में रिटायर होने की श्रेणी में आते हैं, तो ऐसा बिल्कुल संभव है कि आपके बच्चे तब तक अपना घर नहीं बसा चुके होंगे। खासकर आज के दौर में जब युवा वर्ग काफी देर से शादी करना चाहता है। इसलिए कोई भी दुर्भाग्यशाली घटना से आपका परिवार मुश्किल में आ सकता है। ऐसी ही परिस्थितियों में हर व्यक्ति यह चाहेगा कि उसकी पॉलिसी तब तक चले, जब तक उनकी आखरी आर्थिक जिम्मेदारी पूरी ना हो जाए।
कई सारे लोग सोचते हैं कि जो लोग कर्ज लेते हैं उनके मरने के बाद क्या होता है। क्या यह कर्ज बस गायब हो जाते हैं? या फिर उनके परिवार से उनका कर्ज वसूला जाएगा? आपके लिये गये कर्ज आपके मरने पर आपकी संपत्ति की जिम्मेदारी बन जाते हैं।
अपने परिवार को ऐसी मुश्किल में डालने से बचने के लिए पर्याप्त इंश्योरेंस कवरेज लेना सुनिश्चित करें। इसके लिए सबसे पहले अपनी आर्थिक जिम्मेदारियां एक कागज़ पर लिख लें। इसमें हर प्रकार की जिम्मेदारी शामिल रहे, आपके बच्चे की शिक्षा से लेकर उसकी शादी और आपके द्वारा लिये गये पर्सनल लोन तक। दूसरा कदम यह होना चाहिए कि इन सब जिम्मेदारियों के पूरा होने में लगने वाले वक्त का अंदाज़ा लगाएं।
आमतौर पर आपकी ईएमआई आपके नौकरीपेशा जीवन के अंत तक चलती है, यानि इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी देनदारियां आपके रिटायर होने तक मौजूद रहेंगी। आपके जाने के बाद टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार के लिए आपकी आमदनी का विकल्प बन सकता है और उन्हें आपके द्वारा लिये गये ऋण चुकाने में मदद कर सकता है। इसलिए, आपको कितनी राशि के ऋण कवर करने हैं उसके हिसाब से अपने लाइफ इंश्योरेंस की अवधि चुनें।
लाइफ इंश्योरेंस नहीं लेने का सबसे बड़ा नुकसान शायद आपको देखने ना मिले, लेकिन आपके परिवार या आपके प्रियजनों पर इसका असर ज़रूर पड़ेगा। खासकर आमदनी के एक ही स्रोत पर निर्भर रहने वाले वेतनभोगी वर्ग के परिवारों की मुश्किलें काफी बड़ी होंगी। ऐसे परिवारों के कमाने वाले मुख्य सदस्य को कम से कम 30-40 साल की पॉलिसी लेने पर विचार करना चाहिए।
आपका परिवार अगर आर्थिक स्थिरता के लिए आपकी आमदनी पर निर्भर है, तो आपकी टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके रिटायर होने की उम्र तक चलनी चाहिए। इसके बाद पॉलिसी से मिलने वाले भुगतान की मदद से आपका परिवार अपनी मौजूदा जीवनशैली को आसानी से बनाए रख सकेगा।
हर मां-बाप का यह सपना होता है कि उनके बच्चे देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में पढ़ें ताकि उनका भविष्य उज्जवल बने। फिर चाहे इनकी फीस और खर्चे कितने भी हों, कोई भी अभिभावक अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटेंगे।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अपने बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए आप नहीं रहेंगे तो फिर उसके भविष्य का क्या होगा। इस समस्या का हल भी लाइफ इंश्योरेंस ही है, जो आपके ना होने पर आपकी सभी आर्थिक ज़रूरतों का ख्याल रखेगा।
पहले के दिनों में लोग 22-23 वर्ष की उम्र में शादी कर लेते थे और 25-28 की उम्र में उनके बच्चे हो जाते थे। यानि तब के दिनों में 60 की उम्र तक या उससे पहले ही आप एक अभिभावक होने की अपनी सभी ज़िम्मेदारियां पूरी कर चुके होते और आपके बच्चे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होते।
लेकिन आज के दौर में एक बड़ा बदलाव यह देखने मिला है कि अधिक से अधिक लोग शादी का फैसला टालते हैं और शादी के बाद एक फैमिली शुरु करने में भी देर करते हैं। ऐसे में आपके 50 वर्ष के होने तक इस बात की काफी संभावनाएं रहेंगी कि आपके बच्चे अब तक पढ़ाई कर रहे होंगे और आपसे आर्थिक मदद की उम्मीद करेंगे। इसलिए, यह एक समझदारी वाला फैसला होगा कि कम से कम 60 वर्ष की उम्र तक यानि रिटायर होने की उम्र तक या संभव हो तो इससे आगे के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीद लें।
(संतोष अग्रवाल, चीफ बिजनेस ऑफिसर, लाइफ इंश्योरेंस, पॉलिसी बाजार डॉट कॉम)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए। आप कोई भी फैसला लेने से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें।)