पेरिस: वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली एक एजेंसी का कहना है कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के फैलने से इस तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है। एक दशक से भी अधिक समय पहले उपजे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के बाद पहली बार ऐसा होगा। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर सोमवार को जारी एक विशेष रिपोर्ट में कहा अभी भी यह उम्मीद की जा रही है कि इस साल कुल मिलाकर विश्व अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी रहेगी और अगले साल इसमें और तेजी आयेगी।
2009 में विश्व अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी
संगठन ने हालांकि 2020 के लिये वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा प्रतिशत अंक कम करके 2.4 प्रतिशत कर दिया और कहा कि यदि वायरस दुनिया में व्यापक तौर पर फैल जाता है और लंबे समय तक इसका असर रहता है तो यह वृद्धि 1.5 प्रतिशत तक भी रह सकती है। विश्व जीडीपी में इससे पहले तिमाही-दर- तिमाही आधार पर 2008 के अंत में गिरावट दर्ज की गई थी। उस समय दुनिया में वित्तीय संकट गहरा गया था। वार्षिक आधार पर यदि बात की जाये तो 2009 में विश्व अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी।
चीन में उत्पादन घटने का असर खासतौर से एशिया पर
ओईसीडी ने कहा कि चीन में उत्पादन घटने का असर खासतौर से एशिया पर तो असर पड़ ही रहा है इसके साथ ही वह कंपनियां भी इससे प्रभावित हो रही है जो कि उसके माल पर निर्भर हैं।इस बीच एएफपी की एक खबर के मुताबिक समूह7 और यूरोक्षेत्र के वित्त मंत्री बुधवार को आपस में फोन पर बातचीत करेंगे। मंत्री आपस में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चर्चा करेंगे और ‘उठाये जा रहे कदमों को लेकर समन्वय स्थापित करेंगे।’ फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रुनो ली मायरे ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मायरे ने फ्रांस-2 टेलीविजन पर कहा कि हमारे बीच यह बातचीत फोन पर होगी क्योंकि आपको ज्यादा यात्रा करने से बचना चाहिये -- यह समूह 7 (जी7) के बीच कोरोना वायरस को देखते हुये आपसी समन्वय स्थापित करने के लिये होगी।’उन्होंने कहा कि इस प्रकार की एक बातचीत बुधवार को यूरोक्षेत्र के वित्त मंत्रियों के बीच भी होगी। इसमें भी समन्वित कार्रवाई को लेकर निर्णय किया जायेगा।