विप्रो (Wipro) के सीईओ थियरी डेलापोर्टे (Thierry Delaporte) भारतीय आईटी सेक्टर के सबसे अधिक वेतन पाने वाले एक्जीक्यूटिव (CEO) बन गए हैं क्योंकि यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के पास दायर कागजात से पता चला है कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष में उनका वार्षिक वेतन पैकेज 79.66 करोड़ रुपए ($ 10.51 मिलियन) था। वित्त वर्ष 21 में का वार्षिक वेतन 64.3 करोड़ रुपये (8.7 मिलियन डॉलर) था। उस वर्ष उनका कंपेंसेशन 9 महीने के लिए था क्योंकि उन्होंने जुलाई 2020 में कंपनी ज्वाइन की थी। वित्त वर्ष 2022 में विप्रो के सीईओ ने वेतन और भत्ते के तौर पर 13.2 करोड़ रुपये (1.74 मिलियन डॉलर), कमीशन और वेरिएबल पे के तौर पर 19.3 करोड़ रुपये (2.55 मिलियन डॉलर) मिले। जबकि अन्य लाभ के तौर पर 31.8 करोड़ रुपये (4.2 मिलियन डॉलर) मिले। शेष वेतन पैकेज में लॉन्ग टर्म कंपेंसेशन या डेफर्ड बेनिफिट्स भी शामि किया गया था।
इस बीच, विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी को वित्त वर्ष 22 में पिछले साल के 1.62 मिलियन डॉलर की तुलना में 1.82 मिलियन डॉलर मिले। रुपये में देखें तो अध्यक्ष का मुआवजा पिछले साल के 11.8 करोड़ रुपए से बढ़कर 13.8 करोड़ रुपए हो गया। हालांकि, वित्त वर्ष 22 में प्रेमजी को शेयर विकल्प नहीं दिए गए थे।
यह इन्फोसिस की वार्षिक रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि उसके सीईओ, सलिल पारेख का मुआवजा वित्त वर्ष 22 में 43 प्रतिशत बढ़कर 71 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने अब उनके वेतन को संशोधित कर 79.75 करोड़ रुपये कर दिया है, जो उनके पिछले पैकेज से 88 प्रतिशत अधिक है।
भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस में, इसके सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथन को वित्त वर्ष 2012 के लिए 25.8 करोड़ रुपये का पैकेज मिला, जो सालाना 26.6 प्रतिशत अधिक है।