नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के बावजूद जनवरी 2022 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति घटकर 12.96 प्रतिशत पर आ गई। सरकारी आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली है। दिसंबर, 2021 में थोक मुद्रास्फीति 13.56 प्रतिशत और जनवरी, 2021 में 2.51 प्रतिशत पर थी। थोक मुद्रास्फीति अप्रैल, 2021 से लगातार दसवें माह 10 प्रतिशत से ऊंची बनी हुई है।
10.33 प्रतिशत पर पहुंच गई खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी, 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 10.33 प्रतिशत पर पहुंच गई। दिसंबर, 2021 में यह 9.56 प्रतिशत थी। इसी तरह समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 34.85 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले महीने 31.56 प्रतिशत थी।
माह-दर-माह आधार पर बढ़ी दालों, अनाज और धान की मद्रास्फीति
दालों, अनाज और धान की मद्रास्फीति माह-दर-माह आधार पर बढ़ी। अंडा, मांस और मछली की मुद्रास्फीति जनवरी में 9.85 प्रतिशत रही। दूसरी ओर आलू के दाम माह के दौरान 14.45 प्रतिशत और प्याज के 15.98 प्रतिशत कम हुए। विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 9.42 प्रतिशत पर आ गई। दिसंबर, 2021 में यह 10.62 प्रतिशत थी।
6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई खुदरा मुद्रास्फीति
वहीं कुछ खाद्य उत्पादों के महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई। खुदरा महंगाई दर का यह स्तर रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे से ऊपर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर 2021 में 5.66 प्रतिशत और जनवरी 2021 में 4.06 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य उत्पादों की महंगाई दर जनवरी 2022 में 5.43 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 4.05 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।