सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) भारत में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय लॉन्ग टर्म डेब्ट निवेश प्रोडक्ट्स में से एक है। PPF का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह गारंटीड टैक्स-फ्री रिटर्न देता है, जो आपको NPS, म्युचुअल फंड SIP जैसे अन्य लॉन्ग टर्म निवेश साधनों में नहीं मिल सकता है। फिर भी जीवन बीमा प्रोडक्ट टैक्स फ्री रिटर्न ऑफर करते हैं, लेकिन रिटर्न की गारंटी नहीं है। पीपीएफ की तुलना में बहुत कम है और एनपीएस से रिटर्न की गारंटी नहीं है, लेकिन यह आंशिक रूप से टैक्स फ्री है।
पीपीएफ जोखिम-ग्रस्त निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक निवेश विकल्पों में से एक दिखता है। ध्यान दें कि पीपीएफ में हर साल 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट है। पीपीएफ में रिटर्न अन्य निश्चित निवेश प्रोडक्ट्स की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है, कोई भी इसमें लॉन्ग टर्म निवेश करके अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकता है। मौजूदा तिमाही के लिए पीपीएफ पर 7.1% रिटर्न मिलेगा।
गौर हो कि सरकार हर तिमाही पर पीपीएफ ब्याज दर तय करती है। अगर हम मानते हैं कि पीपीएफ पर 7.1% की वर्तमान ब्याज दर लॉन्ग टर्म में स्थिर रहती है, तो कोई व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के समय तक आसानी से रिटायरमेंट फंड में एक करोड़ से ज्यादा जमा कर सकता है।
PPF के जरिये 1 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स-फ्री रिटायरमेंट फंड कैसे तैयार करें?
पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष है। हालांकि, पीपीएफ खाते के अपने ऑरिजनल कार्यकाल के खत्म होने के बाद कई बार 5 साल के ब्लॉक द्वारा बढ़ाया जा सकता है। इस फायदे की वजह से कोई इसे रिटायरमेंट जैसे लॉन्ग टर्म लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक साधन के रूप में उपयोग कर सकता है। अगर आप 25-30 वर्ष की आयु के बीच पीपीएफ खाता खोलते हैं और हर महीने 12,500 रुपए (सालाना 1.5 लाख रुपए) का निवेश करते हैं, तो 15 वर्षों में, ब्याज दर अपरिवर्तित बनी हुई रही तो आप 40.6 लाख रुपए जमा कर लेंगे।
अगर आप अकाउंट को 5 साल के ब्लॉक से दो बार आगे बढ़ाते हैं, तो आप रिटायरमेंट से पहले 35 साल की निवेश अवधि को आसानी से पूरा कर सकते हैं। 25 वर्षों के लिए सालाना 1.5 लाख रुपए का निवेश करने के बाद, आपकी मैच्योरिटी राशि 10,308,012 करोड़ रुपए होगी, यह मानते हुए कि ब्याज दर 7.1% पर अपरिवर्तित रहेगी। इस 1.03 करोड़ रुपए में से आपके द्वारा जमा की गई राशि 3,750,000 रुपए होगी जबकि अर्जित ब्याज 6,558,012 रुपए होगा।
गौर हो कि केंद्रीय बजट 2021 में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपए से अधिक के भविष्य निधि में योगदान पर किसी कर्मचारी द्वारा अर्जित ब्याज पर इनकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2021 में कहा था कि उच्च आय वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित आय के लिए टैक्स छूट को युक्तिसंगत बनाने के लिए, कर्मचारियों के लिए विभिन्न भविष्य निधि में 2.5 लाख रुपए के वार्षिक योगदान पर अर्जित ब्याज आय पर टैक्स छूट को प्रतिबंधित करने का प्रस्तावित है।
बजट दस्तावेज को पढ़ने के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) के साथ-साथ सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) में दिए गए ब्याज पर भी टैक्स लागू होगा। हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स ने स्पष्ट किया है कि EPF/VPF और PPF के लिए अलग-अलग सीमाएं हैं यानी पीपीएफ और ईपीएफ या वीपीएफ में योगदान 2.5 लाख रुपए की सीमा की गणना के उद्देश्य से एकत्र नहीं किया जाएगा।