नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2020-21 के बजट भाषण में एक बड़ी घोषणा की और कहा कि बैंक में जमा राशि का बीमा कवर 1 लाख रुपए से 5 लाख रुपए हो जाएगा। वित्त मंत्री ने दोहराया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में सभी जमाकर्ताओं का पैसा बिल्कुल सुरक्षित है। सीतारमण ने कहा कि सभी वाणिज्यिक बैंकों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एक सिस्टम मौजूद है।
इसका मतलब है, अगर ऋणदाता दिवालिया हो जाता है, तो प्रति खाता धारक 5 लाख रुपए तक की राशि का बीमा किया जाएगा। वर्तमान में, बैंक जमाओं का बीमा किया जाता है, लेकिन सीमा बहुत कम मानी जाती है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत, बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को मूल और ब्याज राशि सहित अधिकतम 1 लाख रुपए तक का बीमा किया जाता है।
1 लाख रुपए की सीमा मई 1993 में निर्धारित की गई थी। अगर ग्राहक के पास एक से अधिक बैंक में खाते हैं, तो जमा बीमा सीमा प्रत्येक बैंक में जमा राशि पर अलग से लागू होगी।
DICGC की ओर से बीमा राशि की मौजूदा अधिकतम सीमा
एक बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को उसकी ओर से जमा मूल धन और ब्याज राशि दोनों के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तक का बीमा दिया जाता है और बैंक के लाइसेंस खत्म करने या रद्द करने पर उसे यह राशि देनी ही होगी।
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ अधिल शेट्टी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'RBI की सहायक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से जमा बीमा 1 लाख रुपए से 5 लाख रुपए करने का कदम आम आदमी के लिए बड़ी खबर है। यह जमाकर्ता भावना को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक कदम था। यह निश्चित रूप से जमाकर्ताओं, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा की भावना देगा, जो अपने सुनहरे वर्षों में नियमित आय की जरूरतों के लिए अपने जमा ब्याज पर भरोसा करते हैं।'