- मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया है।
- केंद्र सरकार ने इस बजट में ऐतिहासिक फैसला करते हुए नई टैक्स व्यवस्था का ऐलान किया है।
- बजट में सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 पेश कर दिया है। इस बजट में तंबाकू सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इसी प्रकार कई अन्य घोषणाएं भी की गई है, जिनके बाद कई चीजें सस्ती और महंगी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह दूसरा बजट है। इस बजट में उन्होंने देश के करदाताओं का ख्याल रखते हुए टैक्स स्लैब में ऐतिहासिक बदलाव किया है।
इससे व्यक्तिगत करदाता को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त कई वस्तुओं ज्यादा टैक्स के कारण महंगी हुई हैं, जिसमें सिगरेट, तंबाकू प्रोडक्ट्स, मेडिकल इक्यूपमेंट महंगे होंगे। वहीं दूसरी ओर कच्ची चीनी, एग्रो-एनिमल प्रोडक्ट्स, टूना बैट, स्कीम्ड मिल्क, चुनिंदा अल्कोहल ब्रेवरीज, सोया फाइबर सस्ते होंगे। आइए जानते हैं इस बजट में क्या सस्ता होगा और क्या महंगा होगा।
ये चीजें होंगी महंगी
- सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर वित्त मंत्री ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।
- इंपोर्टेड फुटवियर और फर्नीचर पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है।
- मेडिकल इक्विपमेंट के इंपोर्ट पर हेल्थ सेस बढ़ा दिया गया है।
- वॉल फैन पर कस्टम ड्यूटी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
- चीनी मिटटी से बने टेबलवियर / किचनवियर या चीन सिरेमिक, लोहा मिट्टी, स्टील, तांबा पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है।
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एसी-रेफ्रिजरेटर कंप्रेशर 10 फीसदी से 12 फीसदी महंगे होंगे।
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मोबाइल फोन महंगे होंगे।
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कमर्शियल व्हीकल पर कस्टम ड्यूटी 30 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी होगी।
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कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर कस्टम ड्यूटी 25 फीसदी से 40 फीसदी कर दी गई है।
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क्लिप, स्टैपल जैसे स्टेशनरी आइटम 10 से 20 फीसदी महंगे होंगे।
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खिलौने महंगे होंगे।
क्या हुआ सस्ता
- न्यूजप्रिंट, हल्के वजन वाले कोटेड पेपर पर वित्त मंत्री ने कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
- प्यूरिफाई टेरेपैथलिक एसिड पर एंटी डंपिंग ड्यूटी हटा दी गई है।
- कच्ची चीनी, एग्रो-एनिमल आधारित प्रोडक्ट, टूना बेट, स्कीमिड मिल्क, चुनिंदा अल्कोहल ब्रेवरीज, सोया फाइबर, सोया प्रोटिन पर कस्टम ड्यूटी से राहत दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कई त रह की छूट और कटौतियां नहीं मिलेगी। नए ढांचे में विभिन्न आयवर्ग के करदाताओं के लिए दरों में कटौती की गई है और कुछ नए स्लैब बनाये हैं।