लाइव टीवी

Cab and Auto Drivers Strike: चंडीगढ़ में 12 अप्रैल को सोच समझकर कर निकले घर से, नहीं मिलेगी कैब और ऑटो

Updated Apr 10, 2022 | 11:04 IST

Cab and Auto Drivers Strike in Chandigarh: चंडीगढ़ में 12 अप्रैल को कैब और ऑटो चालक हड़ताल पर रहेंगे। चालकों ने इसका कारण वाजिब किराया न मिलना बताया। चालकों का कहना है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं ड्राइवर
मुख्य बातें
  • 12 अप्रैल को शहर में नहीं मिलेगी ऑटो-कैब
  • किराया रेट बढ़ोत्‍तरी मांग को लेकर हड़ताल
  • शहर में आपातकालीन सेवाएं रहेंगी जारी

Cab and Auto Drivers Strike: आने वाले मंगलवार को अगर आप चंडीगढ़ में कहीं आने-जाने की सोच रहे हैं तो घर से निकलने से पहले इस खबर को एक बार जरूर पढ़ लें। चंडीगढ़ में 12 अप्रैल को कैब और ऑटो चालकों ने हड़ताल करने का एलान किया है। इस दिन ट्राइसिटी में न तो ऑटो चलेगा और न ही कोई कैब। इस संबंध में कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चा ने सेक्टर-27 में प्रेसवार्ता कर हड़ताल की घोषणा कर दी है।

मोर्चा का कहना है कि, पेट्रोल, डीजल व सीएनजी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कंपनियां किराये में इजाफा नहीं कर रही है। वहीं ऑटो में बैठने वाले लोग भी अभी के पेट्रोल डीजल के दाम के अनुसार किराया का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इस कारण से अब कैब-ऑटो वालों की रोजी रोटी बन्द होने की कगार पर पहुंच गई है।

प्रशासन सिर्फ रेट बढ़ाने की नोटिफिकेशन निकालता है लागू नहीं करवाता

कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चा ने इस हड़ताल के लिए पा्रशासन को भी जिम्‍मेदार बताया। मोर्चा ने कहा कि प्रशासन सिर्फ रेट बढ़ाने की नोटिफिकेशन जारी कर देता है, जब उसे लागू करवाने की बात आती है तो वह पीछे हट जाता है। वहीं कैब कंपनियां भी अपने तरीके से किराया रेट को बढ़ाती व घटाती हैं। इससे सबसे ज्‍यादा नुकसान ड्राइवरों को हाता है। हम लोगों की मांगों को कहीं नहीं सुना जा रहा है, जिस कारण हमें मजबूरी में हड़ताल करने का निर्णय लेना पड़ रहा है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं ड्राइवर

मोर्चा ने कहा कि इस हड़ताल और प्रदर्शन के बाद भी अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो, सभी ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। मोचा्र ने अपनी मांगों को रखते हुए बताया कि, प्रशासन अपनी नोटिफिकेशन में बढ़े हुए रेटों को कंपनियों से भी लागू कराए, एसटीए और ओला व ऊबर के विवाद में चालकों पर दबाव न बनाया जाए। जो कर या फीस बकाया है उसे कंपनी अदा करे, कंपनी के एप में चालक को भी कस्टमर को जिस जगह छोड़ना है उसे दिखाया जा सके।