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Chandigarh News: दो कनाल से कम एरिया की प्रापर्टी पर भी अब मिलेगा ऑनलाइन ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट

Updated Apr 10, 2022 | 22:44 IST

Chandigarh News: चंडीगढ़ में अब दो कनाल से कम एरिया की प्रापर्टी पर भी अब मिलेगा ऑनलाइन ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस संबंध में यूटी प्रशासन की तरफ से 18 अप्रैल को ओबीपीएस साफ्टवेयर का टेस्ट लांच किया जाएगा। इसमें सभी श्रेणी की बिल्डिंग शामिल होंगी।

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Chandigarh administration
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ में अब कम प्रापर्टी पर भी मिलेगा ऑनलाइन ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट
  • प्रशासन 18 अप्रैल को ओबीपीएस साफ्टवेयर का टेस्ट लांच करेगा
  • रिन्‍यू मीटिंग में लिया गया ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम का फैसला

Chandigarh News:  चंडीगढ़ में अब दो कनाल से कम एरिया वाली प्रॉपर्टी के लिए भी ऑनलाइन ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस संबंध में 18 अप्रैल को ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम का साफ्टवेयर तैयार करने वाले इंजीनियरर्स की तरफ से दो कनाल से ज्‍यादा की प्रापर्टी में दस्तावेजों की तकनीकी स्क्रूटनी के लिए ओबीपीएएस की टेस्टिंग भी की जाएगी।

प्रॉपर्टी के संबंध में ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम को लेकर यह निर्णय डीसी विनय प्रताप सिंह द्वारा लिए गए रिव्यू मीटिंग में लिया गया। इस बैठक में दो कनाल से ज्‍यादा की प्रॉपर्टी में टेक्निकल स्क्रूटनी को आसान बनाने के लिए कंसल्टेंट ने सलाह दी है। इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोग आसानी से अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े कोई भी दस्तावेज ऑनलाइन ले सकेंगे। प्रशासन के अनुमान के मुताबिक इस सुविधा का फायदा शहर के 30 फीसदी से ज्‍यादा लोगों को मिलेगा।

ओबीपीएस साफ्टवेयर 18 अप्रैल को होगा लांच

ओबीपीएस साफ्टवेयर का टेस्ट लांच 18 अप्रैल को किया जाएगा। इसमें सभी श्रेणी की बिल्डिंग शामिल होंगी। बिल्डंग प्लान अप्रूवल सिस्टम को प्रशासन सभी कैटेगिरी और एरिया की बिल्डिंग्स के लिए लागू करने जा रहा है। इसके लिए तय किया गया है कि 18 अप्रैल से ही इस सिस्टम को सभी तरह की बिल्डिंग्स के लिए टेस्ट लांच कर दिया जाएगा। इस सिस्टम को शुरू होने से लोग अपनी एप्लीकशन को ट्रैक भी कर सकेंगे। प्रशासन की तरफ से कंसल्टेंट को कहा गया है कि वे साफ्टवेयर में इस चीज का ध्यान रखे कि बिल्डिंग बायलाज की सभी गाइडलाइंस ऑनलाइन स्क्रूटनी के वक्त पूरी हो सकें। अफसरों के मुताबिक ये सिस्टम ऐसा होगा, जिसमें ऑनलाइन ही सभी शर्तें व नियम पूरे होने पर स्क्रूटनी प्लान हो सकेगी। वहीं, इस्टेट ऑफिस ने सभी अफसरों को कहा है कि बाकी लैंडयूजेज को लेकर बिल्डिंग प्लान को लेकर टाइमलाइन तय करें ताकि लोगों को पता हो कि उनकी बिल्डिंग के प्लान में अगर कोई ऑब्जेक्शन नहीं लगती है तो कितने दिनों में मंजूर हो जाएगा।