- साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया धारा-66एफ के तहत मामला
- इस साइबर आतंकवाद की धारा में दोषी पाए जाने पर हो सकती है उम्र कैद
- नाइजीरिया मूल के साइबर ठगों के निशाने पर हैं चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी
Chandigarh Cyber Fraud: चंडीगढ़ प्रशासन के उच्च अधिकारी और सरकारी विभाग इस समय नाइजीरिया मूल के साइबर ठगों के निशाने पर हैं। ये ठग लगातार साइबर अटैक कर इन उच्च अधिकारियों के नाम पर ठगी करने की कोशिश में जुटे हैं। इन ठगों पर अभी तक कार्रवाई करने में नाकाम रही चंडीगढ़ पुलिस ने पहली बार साइबर आतंकवाद की धारा-66एफ के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस यह धारा तब लगाती है, जब देश और सरकारी तंत्रों को नुकसान पहुंचाने के लिए साइबर अटैक किया जाता है। इस धारा के तहत कोर्ट से दोषी होने वाले को जुर्माना सहित उम्र कैद तक की सजा देने का प्रविधान है।
चंडीगढ़ पुलिस ने इस धारा के तहत उन अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने पिछले कुछ माह के अंदर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, यूटी प्रशासक के सलाहकार, प्रशासक के मुख्य सचिव, चंडीगढ़ डीजीपी, पीजीआई के डायरेक्टर की फोटो वाट्सएप पर लगाकर ठगी की कोशिश की। सेक्टर-3 थाना के अंदर साइबर सेल ने पुलिस ने प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल के नाम पर ठगी की कोशिश में डीपीआरओ राजीव तिवारी की शिकायत पर आईपीसी की धारा-66एफ (साइबर आतंकवाद) के तहत मामला दर्ज किया है।
एक माह के अंदर हो चुकी कई उच्च अधिकारियों के नाम पर ठगी की कोशिश
बता दें कि, चंडीगढ़ के अंदर पिछले एक माह में प्रशासन के कई उच्च अधिकारियों के नाम पर ठगी की कोशिश हो चुकी है। पिछले सप्ताह पांच जून को सलाहकार आईएएस अफसर धर्मपाल की डीपी वाट्सएप पर लगाकर कुछ अफसरों और कर्मचारियों को ऑनलाइन वेबसाइट के गिफ्ट कार्ड मांग कर ठगी की कोशिश हुई थी। जिसके बाद तुरंत अधिकारियों को अलर्ट कर पुलिस में शिकायत दी। अभी तक की गई साइबर पुलिस जांच में पता चला है कि नाइजीरिया मूल के साइबर अपराधी वाट्सएप पर वरिष्ठ अधिकारियों की फोटो लगाकर लोगों को मैसेज करते हैं और उनसे ऑनलाइन वेबसाइट के गिफ्ट कार्ड या वाउचर मांगते हैं। जिसके बाद उसे गिफ्ट कार्ड से आरोपी क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं। अभी तक की जांच में ज्यादातर मैसेज भेजने वाले नंबर का आईपी एड्रेस नाइजीरिया का मिला है।