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Bulldozer on Encroachment: चंडीगढ़ प्रशासन का चला बुलडोजर, टूटी 40 साल पुरानी कॉलोनी, खाली कराई 80 एकड़ जमीन

Updated May 02, 2022 | 12:32 IST

Bulldozer on Encroachment: चंडीगढ़ प्रशासन ने रविवार को कॉलोनी नंबर-4 पर बुलडोजर चलाया। इस 40 साल पुरानी कॉलोनी को तोड़ने के लिए प्रशासन के 10 बुलडोजर सुबह 5 बजे से शाम तक कार्रवाई करते रहे। इस दौरान 80 एकड़ जमीन को कब्‍जा मुक्‍त कराया गया।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
चंडीगढ़ प्रशासन ने कॉलोनी नंबर 4 पर चलाया बुलडोजर
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ प्रशासन ने कॉलोनी नंबर-4 पर चलाया बुलडोजर
  • वन और इंजीनियरिग विभाग की 80 एकड़ जमीन हुई कब्‍जा मुक्‍त
  • कार्रवाई के दौरान विरोध रोकने के लिए तैनात रहा भारी सुरक्षा अमला

Chandigarh News: चंडीगढ़ प्रशासन का बुलडोजर एक बार फिर से चल पड़ा है। रविवार को यह बुलडोजर कॉलोनी नंबर-4 पर चली। इस 40 साल पुरानी कॉलोनी को तोड़ने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से शनिवार देर शाम ही आदेश जारी कर दिए गए थे। यहां पर प्रशासन की कार्रवाई सुबह पांच बजे शुरू हुई और शाम तक जारी रही। इस दौरान प्रशासन ने 80 एकड़ जमीन खाली करवाई।

प्रशासन के इस डेमोलिशन ड्राइव के दौरान स्थिति न बिगड़े इसलिए प्रशासनिक मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। कॉलोनी को तोड़ने के लिए 10 बुलडोजर लगाए गए, जो शाम तक कार्रवाई करते रहे। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश भी की, लेकिन प्रशासन के सामने उनकी एक न चली।

वन और इंजीनियरिग विभाग की जमीन पर था कब्‍जा

प्रशासन के मुताबिक वन और इंजीनियरिग विभाग की इस 80 एकड़ जमीन पर कब्‍जा करीब 40 साल पहले शुरू हुआ था। लोग धीरे-धीरे यहां बसते गए और जमीन पर कब्‍जा करते गए। प्रशासन की तरफ से यहां से लोगों को हटने के लिए पहले भी कई बार नोटिस दिया गया था, लेकिन लोग कब्‍जा छोड़ने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की। प्रशासन द्वारा अवैध कब्जों को हटाकर इस जमीन को खाली कराने के बाद इस पूरी जमीन की फेंसिग की जाएगी।

यहां मौजूद थी करीब दो हजार झुग्गियां

बता दें कि इस 80 एकड़ जमीन में फैली कॉलोनी में करीब दो हजार झुग्गियां बसी हुई थी। प्रशासन के मुताबिक इनमें करीब 10 हजार लोग रहते थे। प्रशासन द्वारा लाए गए स्माल फ्लैट स्कीम के तहत यहां के ज्‍यादातर लोगों को मलोया में फ्लैट भी दिया गया है। डीसी विनय प्रताप सिंह ने बताया कि इनमें से अधिकतर लोगों को स्माल फ्लैट स्कीम और एफोर्डेबल रेंटिग हाउसिंग स्कीम के तहत मकान दे दिए गए हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों पर असर नहीं पड़ेगा।