- 27 सितंबर को इटली में होगी इस डेस्क चेयर की नीलामी
- ली कार्बूजिए और पियरे जेनरे ने किया था इसे डिजाइन
- इससे पहले भी कई फर्नीचर की नीलामी हो चुकी लाखों रुपये में
Chandigarh News: चंडीगढ़ शहर देखने में जितना ब्यूटीफुल है, उतना ही ऐतिहासिक भी। यहां के सरकारी दफ्तरों में मौजूद जिन पुराने फर्नीचर को कबाड़ समझकर फेंक दिया गया, वही कुर्सियां अब लाखों में नीलाम हो रही हैं। दरअसल, ये फर्नीचर चंडीगढ़ शहर को बनाने और बसाने वाले ली कार्बूजिए और पियरे जेनरे द्वारा डिजाइन की गया हैं। इनमें से ही एक फर्नीचर की इटली के जिनोवा शहर के कैंबी ऑक्शन हाउस में 20 सितंबर को एक नीलामी होने वाली है। इस ऑक्शन में चंडीगढ़ की वुडन स्ट्रक्चर वाली डेस्क चेयर और डेस्क टॉप नीलाम होगा। हाउस ने इसका ऑक्शन प्राइज 2.37 लाख रुपये रखा है। हालांकि इससे कहीं ज्यादा रेट पर यह बिक सकता है। अधिकारियों के अनुसार इससे पहले यहां की एक कुर्सी लंदन के ऑक्शन में करीब 12 लाख रुपये में बिक चुकी है।
बता दें कि, जिन फर्नीचर का अब ऑक्शन में नीलाम किया जा रहा है, ऐसे बहुत से फर्नीचर को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कुछ साल पहले कबाड़ में बेच दिया गया था। इन फर्नीचर की असली वेल्यू एंटीक आइटम को समझने वाले लोगों ने समझी। अब यही फर्नीचर तस्करी के माध्यम से विदेशी नीलामी घरों में पहुंच कर लाखों में नीलाम हो रहे हैं। ये सभी फर्नीचर ली कार्बूजिए और उनके कजिन पियरे जेनरे ने 50 के दशक में डिजाइन किया था, जो चंडीगढ़ के प्रशासनिक भवनों व शिक्षण संस्थानों में उपयोग की जाती थी।
नीलाम होने वाली डेस्क चेयर चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटिव प्रिमाइसेज की
बता दें कि इटली से पहले अमेरिका, फ्रांस, यूके, स्विटजरलैंड जैसे देशों में चंडीगढ़ का हेरिटेज फर्नीचर नीलाम होता रहा है। इटली में हो रहे ऑक्शन की जानकारी देते हुए एडवोकेट अजय जग्गा ने कहा कि, ये सभी फर्नीचर प्रशासन की लापरवाही और तस्करी के कारण विदेश तक पहुंचे हैं। अजय जग्गा ने कहा कि हेरिटेज फर्नीचर की ऑक्शन को रोकने के लिए उन्होंने राज्यसभा सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी भी लिखी है। इटली में जो डेस्क चेयर नीलाम होने वाली है, वह चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटिव प्रिमाइसेज से वहां पहुंची है। एडवोकेट जग्गा ने यह भी बताया कि, चंडीगढ़ प्रशासन ने इन्हें सहेजने और म्यूजियम बनाने का आदेश भी दिया था। हालांकि यह योजना अभी फाइलों में ही है।