- शहीद के पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर दोनों बहनों ने बांधी राखी
- पत्नी और चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान से संस्कार
- शहीद को अंतिम विदाई देने उमड़ी हजारों की भीड़, हर आंख हुई नम
MiG 21 Crash: बाड़मेर में ट्रेनिंग फ्लाई के दौरान वीरवार रात को क्रैश हुए मिग-21 विमान में शहीद विंग कमांडर मोहित राणा का शनिवार दोपहर 3 बजे सेक्टर-25 स्थित श्मशानघाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के मौके पर श्मशानघाट पर हजारों लोगों की भीड़ इस वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ी। उन्हें उनकी पत्नी निधी और चाचा के बेटे रोहित ने मुखाग्नि दी। इस अंतिम विदाई में कई ऐसे पल आए, जिसे देख हर किसी की आंखे नम हो गई।
इससे पहले बलिदानी विंग कमांडर मोहित राणा के पार्थिक शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके न्यू चंडीगढ़ के ओमैक्स सीटी स्थित घर पर रखा गया। जहां पर शहीद विंग कमांडर की दो बहनों ने अपने भाई को अंतिम बार राखी बांधी। यह भावुक पल देख वहां मौजूद सभी की आंखे छक आई। इस घटना के बाद से पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। जहां मां ने खाना-पानी छोड़ दिया है, वहीं पत्नी भी बदहवास जैसी स्थिति में पहुंच गई है।
शहीद की बेटी है 3 साल की
बता दें कि, शहीद विंग कमांडर मोहित राणा का परिवार मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के संधोल का रहने वाला है। लेकिन कई वर्षों से उनका परिवार न्यू चंडीगढ़ में रहता है। मोहित के पिता ओम प्रकाश राणा सेना के अधिकारी रह चुके हैं। ये लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत हुए। विंग कमांडर मोहित की एक 3 साल की बेटी भी है। पत्नी निधी और बेटी उनके साथ ही राजस्थान के एयरफोर्स स्टेशन पर रहते थे। घटना के बाद वायुसेना के जवान दोनों को अपने साथ राजस्थान से चंडीगढ़ लेकर आए हैं।
विंग कमांडर कर चुके 200 से ज्यादा पायलट तैयार
वायु सेना के अनुसार विंग कमांडर मोहित राणा ने 2001 में एनडीए पास करने के बाद 2005 में एयरफोर्स को ज्वाइन किया था। इस समय विंग कमांडर एयरफोर्स में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात थे और वे अब तक देश के लिए 200 से ज्यादा पायलट तैयार कर चुके थे। शहीद के पिता ओम प्रकाश राणा ने बताया कि बेटे मोहित ने 23 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाया था। हम सब बहुत खुश थे। वीरवार रात करीब 12 बजे बहू का फोन आया कि मोहित अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह विमान दुर्घटना में हादसे का शिकार हो गए हैं। मोहित ने देश के लिए बलिदान दिया है। हमें उस पर गर्व है।