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Chandigarh PGI: पीजीआई चंडीगढ़ में अब मरीज रेफर करना नहीं आसान, रेफर करने से पहले अब करना होगा ये काम

Updated May 29, 2022 | 15:02 IST

Chandigarh PGI: चंडीगढ़ पीजीआई में मरीजों को रेफर करने से पहले अब संबंधित राज्‍य के अस्‍पतालों को अनुमति लेनी होगी। पीजीआई से अनुमति मिलने के बाद ही आने वाले मरीजों को दाखिल किया जाएगा। इस संबंध में पीजीआई प्रशासन द्वारा सभी राज्‍यों को सूचना दे दी गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspफेसबुक
पीजीआई चंडीगढ़ में मरीज रेफर करने से पहले लेनी होगी अनुमति
मुख्य बातें
  • पीजीआई चंडीगढ़ में मरीजों को रेफर करने से पहले अब देनी होगी सूचना
  • अनुमति मिलने के बाद ही दूसरे अस्‍पताल पीजीआई में मरीज को कर सकेंगे रेफर
  • पीजीआई ने मरीजों का दबाव कम करने और बेहतर इलाज के लिए लिया फैसला

Chandigarh PGI:  पीजीआई चंडीगढ़ ने दूसरे राज्‍यों से रेफर होकर आने वाले मरीजों की संख्‍या में हो रहे बेतहाशा वृद्ध पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब दूसरे राज्‍य से पीजीआई में मरीज को रेफर करने से पहले संबंधित अस्‍पताल को पीजीआई से अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके बाद ही मरीज को यहां पर इलाज मिलेगा। ऐसा नहीं करने वाले मरीजों को पीजीआई के अंदर इमरजेंसी इलाज नहीं मिल पाएगा।

पीजीआई प्रशासन ने यह फैसला यहां पर मरीजों के बढ़े दबाव को कम करने के लिए किया है। बता दें कि, चंडीगढ़ पीजीआई में पंजाब, हरियरणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्‍मू कश्‍मीर जैसे राज्‍यों के दर्जनों मरीज विभिन्‍न अस्‍पतालों से रेफर होकर यहां पर आते हैं। जिस वजह से हर समय यहां के डॉक्‍टरों को दबाव में काम करना पड़ता है। पजीआई प्रशासन का कहना है कि कई बार मरीज यहां पर पहुंच जाते हैं, लेकिन यहां पर उन्‍हें जगह व इलाज नहीं मिल पाता, जो मरीजों के लिए जानलेवा होता है।

पहले से बता कर आएंगे तो मिलेगी इलाज की उचित व्यवस्था

पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने कहा कि, अब दूसरे राज्यों से पीजीआई के लिए मरीज को रेफर करने से पहले संबंधित अस्‍पताल को पीजीआई प्रशासन से संपर्क करना पड़ेगा। ताकि क्रिटिकल और रेफर किए जाने वाले मरीजों को यहां पर पहले से उचित व्यवस्था मिल सके। निदेशक ने बताया कि, इस संबंध में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और अन्य राज्य सरकारों को सूचना दे दी गई है। उन्‍होंने कहा कि, अभी तक सबसे बड़ी समस्‍या यह थी कि कई बार एक साथ बहुत सारे मरीज रेफर होकर एक ही समय पर यहां पहुंचते थे। इन मरीजों के यहां पहुंचने पर बेड की व्यवस्था और इलाज मुहैया नहीं हो पाता। इसका खामियाजा मरीज और उनके तीमारदारों को उठाना पड़ता है। पीजीआई निदेशक ने कहा कि, इस व्‍यवस्‍था के बाद अब यहां आने वाले मरीजों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी।