- अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) की स्थिति चिंताजनक, बोर्ड की क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से अपील
- एसीबी सीईओ हामिद शिनवारी ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से उनको सजा ना देने की गुजारिश की
- तालिबान के कब्जे के बाद विश्व क्रिकेट से अलग-थलग नहीं होना चाहता अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के सीईओ हामिद शिनवारी ने शुक्रवार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) से नवंबर में होने वाले टेस्ट की मेजबानी नहीं करने का फैसला वापिस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसे फैसले से जंग झेल रहा देश और अलग थलग पड़ जायेगा। अंतरिम सरकार बनाते ही तालिबान ने महिलाओं के क्रिकेट और अन्य खेलों में भाग लेने पर रोक लगा दी जिससे अफगानिस्तान पुरूष टीम का टेस्ट दर्जा खतरे में पड़ गया है।
आईसीसी के नियमों के तहत टेस्ट खेलने वाले सभी देशों को महिला टीम भी रखनी होगी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गुरूवार को कहा कि अगर तालिबान महिला खेलों पर रोक लगाता है तो 27 नवंबर से होबर्ट में अफगानिस्तान और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाला टेस्ट रद्द कर दिया जायेगा। एसीबी के सीईओ शिनवारी ने एक बयान में कहा कि वह इस फैसले से स्तब्ध और निराश है।
हमारे लिए रास्ते खुले रखें
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक मैच को रद्द करने के अलावा भी विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऑस्ट्रेलिया और पूरे क्रिकेट जगत से अनुरोध करेंगे कि हमारे लिये रास्ते खुले रखें। हमारे साथ चलें और हमें अलग थलग नहीं करें। हमारे सांस्कृतिक और मजहबी माहौल की हमें सजा नहीं दे।’’ उन्होंने कहा कि अगर सीए की तरह दूसरे देश भी ऐसा ही करेंगे तो अफगानिस्तान विश्व क्रिकेट से अलग हो जायेगा और देश में क्रिकेट खत्म हो जायेगा।
क्रिकेट टीम को लेकर भी बवाल
गौरतलब है कि गुरुवार रात भी अफगानिस्तान क्रिकेट तब चर्चा में था जब उन्होंने टी20 विश्व कप के लिए अपनी टीम का ऐलान किया। इस टीम की घोषणा के कुछ ही समय बाद दिग्गज क्रिकेटर राशिद खान ने ट्वीट करके कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया। राशिद के मुताबिक टीम बनाते समय उनसे कोई राय नहीं ली गई इसलिए वो कप्तानी छोड़ते हैं। उनकी जगह अब मोहम्मद नबी को कप्तानी सौंपी गई है।