- काफी ड्रामा के बाद शिखा, शैफाली को इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया
- बीसीसीआई ने शुक्रवार को महिला क्रिकेट टीम की घोषणा की
- भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर एक टेस्ट, तीन टी20 इंटरनेशनल और तीन वनडे खेलेगी
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पिछले दो दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। बोर्ड ने गुरुवार को रमेश पोवार को विवादित परिस्थितियों के बीच दोबारा भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच बनाया और शुक्रवार को नीतू डेविड की अध्यक्षता वाली चयन पैनल ने पूरा ध्यान खींचा।
यह उभरकर सामने आया है कि सीनियर खिलाड़ियों और पूर्व कोच के बीच कई मामलों पर अनबन हुई है और पिछले कुछ समय में दोनों के बीच काफी विवाद बढ़े हैं। चीजें इतनी खराब हो चली थी कि बीसीसीआइ ने अगले महीने इंग्लैंड दौरे के लिए चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया था।
भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर एक टेस्ट, तीन टी20 इंटरनेशनल और तीन वनडे खेलने हैं। काफी विचार किया गया कि युवा लड़कियों को लंबे प्रारूप में मौका दिया जाए और पूरे दिन काफी ड्रामा के बाद स्क्वाड की घोषणा कर दी गई। शैफाली वर्मा, शिखा पांडे और तानिया भाटिया, जिन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज से बाहर किया गया था, उन्हें टेस्ट और वनडे स्क्वाड में शामिल किया गया है।
बीसीसीआई ऐसी टीम बनाने पर ध्यान दे रहा है, जो आने वाले कई सालों तक टीम को आगे लेकर चले। हालांकि, चयन समिति ने पिछले बार घरेलू सीरीज के लिए जो टीम चुनी थी, उससे महिला क्रिकेट में काफी विवाद की स्थिति बनी थी।
डब्ल्यूवी रमन ने लगाए गंभीर आरोप
डब्ल्यूवी रमन, जिनका गुरुवार को विकल्प खोजा गया, उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और एनसीए क्रिकेट अध्यक्ष सौरव गांगुली को एक पत्र (ई-मेल) लिखकर आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय टीम में 'आत्मदंभी संस्कृति' है और इसे बदलने की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक कुछ पूर्व महिला क्रिकेटर्स और सीनियर खिलाड़ी व्यवस्था में अपनी ताकत दिखाती हैं जबकि चयनकर्ताओं के दृष्टिकोण की कमी है।
शैफाली को वनडे स्क्वाड और शिखा पांडे को मार्च में घरेलू जमीन पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पूरी सीरीज से बाहर रखने के बाद बोर्ड के साथ सबकुछ अच्छा नहीं हुआ। एक वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'चयनकर्ताओं ने कहा था कि शिखा पांडे की फिटनेस में कमी है जबकि शैफाली को वनडे में आराम की जरूरत है। किसी को यह तर्क समझ नहीं आया कि चयनकर्ता इस नतीजे पर कैसे पहुंचे जब लड़कियों ने कुछ महिला टी20 चैलेंज के इस साल मुकाबले खेले थे।'
चयनकर्ताओं ने वनडे टीम में दमदार शॉट लगाने वाली बल्लेबाज रिचा घोष को भी नजरअंदाज किया था। प्रिया पुनिया के खिलाफ भी उन्हें कुछ तकलीफ थी। अधिकारी ने कहा, 'ऐसा विचार है कि शैफाली और रिचा बस टी20 इंटरनेशनल के लिए बेहतर है। अगर इन युवाओं को लंबे प्रारूप में नहीं आजमाया जाएगा तो यह कैसे बढ़ेंगी? चयनकर्ताओं को मिताली राज और झूलन गोस्वामी से आगे भी सोचने की जरूरत है।'
अधिकारी ने आगे कहा, 'अगले साल फरवरी में वनडे विश्व कप है। शैफाली और रिचा को लंबे प्रारूप में पर्याप्त अनुभव देने की जरूरत है। यह प्रभावी खिलाड़ी हैं। वह टीम के कुल योग में 30 रन अतिरिक्त जोड़ने का दम रखती हैं।'
इंग्लैंड दौरे के लिए टीमें:
टेस्ट और वनडे- मिताली राज (कप्तान), स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर (उप-कप्तान), पूनम राउत, प्रिया पूनिया, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रॉड्रिग्ज, शैफाली वर्मा, स्नेह राणा, तानिया भाटिया (विकेटकीपर), इंद्राणी रॉय (विकेटकीपर), झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, पूजा वस्त्राकर, अरुंधती रेड्डी, पूनम यादव, एकता बिष्ट, राधा यादव।
टी20 के लिए स्क्वाड - हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उप-कप्तान), दीप्ति शर्मा, जेमिमा रॉड्रिग्ज, शैफाली वर्मा, रिचा घोष, हरलीन देओल, स्नेह राणा, तानिया भाटिया (विकेटकीपर), इंद्राणी रॉय (विकेटकीपर), शिखा पांडे, पूजा वस्त्राकर, अरुंधती रेड्डी, पूनम यादव, एकता बिष्ट, राधा यादव, सिमरन दिल बहादुर।