- उन्मुक्त चंद ने संन्यास का ऐलान किया
- वह अब भारतीय क्रिकेट नहीं खेलेंगे
- उन्होंन विदेश में खेलने का फैसला किया
साल 2012 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले कप्तान उन्मुक्त चंद ने शुक्रवार को अचानक संन्यास का ऐलान कर सभी को चौंका दिया। संन्यास की घोषण के बाद उन्मुक्त ने खुलासा किया है कि वह अब अमेरिका में क्रिकेटर खेलेगें। उन्होंने मेजर लीग क्रिकेट के साथ तीन साल का करार करने की पुष्टि की है। 28 वर्षीय बल्लेबाज उन भारतीय घरेलू खिलाड़ियों में शूमार हो गए हैं, जो अमेरिका शिफ्ट हो रहे हैं। उनसे पहले पंजाब के सनी सोहाल, सरबजीत लाडा और राजेश शर्मा तथा मुंबई के हरमीत सिंह, गुजरात के स्मित पटेल और दिल्ली के मिलिंग कुमार भी अमेरिका का रुख कर चुके हैं। हरमीत और पटेल उन्मुक्त के अंडर-19 टीम के साथ थे, जिन्होंने विश्व कप जीता था।
उन्मुक्त ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा कि वह अमेरिका जा रहे हैं और वहां अच्छा क्रिकेट खेलना चाहते हैं। वह रेजीडेंसी पीरियर पूरा होने के बाद अमेरिका क्रिकेट टीम के लिए भी खेल सकते हैं। उन्मुक्त ने कहा कि यह मेरे जैसे व्यक्ति के लिए बहुत कठिन है, जिसने हमेशा देश के लिए खेलने का सपना देखा। यह मेरे लिए बहुत भावनात्मक है। यह मेरे लिए बेहद दर्दनाक फैसला था। हालांकि, पिछले कुछ साल मेरे लिए बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। अन्य चीजों के अलावा बहुत सारी राजनीति का सामना करना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं इस तरह की चीजों के कारण बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेल पाया। यही वजह है कि मैंने अमेरिका में कुछ अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए यह निर्णय लिया। मैं बीसीसीआई को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। बता दें कि उन्मुक्त ने घरेलू क्रिकेट में साल 2010 में डेब्यू किया था और 67 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 31.57 के औसत से 3379 रन बनाए। लिस्ट ए के 120 मैचों में उन्होंने 41.33 के औशत से 4505 रन और 77 टी20 में 1565 रन बनाए। उन्हें कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अवसर नहीं मिला।
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्मुक्त को इस साल विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी20 जैसे सीमित ओवरों के टूर्नामेंट में अपनी राज्य की टीम दिल्ली में जगह नहीं बना पाने के कारण उन्हें नए सिरे से देखने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्मुक्त का उत्तराखंड टीम के साथ 2019-20 का सीजन भी खास नहीं रहा था और उन्हें राज्य का साथ छोड़ 2020-21 के सीजन में दिल्ला के लिए भाग्य आजमाना पड़ा था। उत्तराखंड के लिए अपने पिछले छह मैचों में उन्होंने 144 रन बनाए थे।