- भारत-न्यूजीलैंड दूसरा टेस्ट, पहला दिन - मुंबई
- मयंक्र अग्रवाल ने जड़ा टेस्ट शतक, लेकिन जगह अब भी सुरक्षित नहीं
- शतक के बाद मयंक ने बताया कि द्रविड़ ने उन्हें कैसे प्रोत्साहित किया
Mayank Agarwal, India vs New Zealand 2nd Test: न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन नाबाद शतकीय पारी खेलने वाले मयंक अग्रवाल को इस बात का अंदाजा है कि लोकेश राहुल और रोहित शर्मा की वापसी के बाद अंतिम एकादश में जगह बनाना उनके लिए आसान नहीं होगा लेकिन एकाग्रता बनाये रखने और अपने हाथ की चीजों को नियंत्रित रखने की कोच राहुल द्रविड़ की सलाह से उन्हें काफी फायदा हुआ।
मयंक ने दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘जब मुझे अंतिम एकादश में चुना गया तो राहुल भाई (द्रविड़) ने मुझसे बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि जो मेरे हाथ में है उसे नियंत्रित करो और मैदान में उतर कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (द्रविड़) मुझसे कहा था, ‘जब आपको अच्छी शुरुआत मिल जाये तब उसे बड़ी पारी में बदलने की कोशिश करो। मुझे जो शुरुआत थी, उसे भुनाने में खुशी है। लेकिन राहुल भाई की ओर से वह संदेश बिल्कुल साफ था कि मैं इसे यादगार बनाऊं।’’
इंग्लैंड में जो हुआ उसका अफसोस
बेंगलुरु के इस सलामी बल्लेबाज ने अफसोस जताया कि इंग्लैंड में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। इंग्लैंड दौरे पर नेट सत्र के दौरान उन्हें सिर पर चोट लगी और फिर चीजे उनके हाथ में नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए दुर्भाग्यपूर्ण था कि मैं इंग्लैंड में नहीं खेल सका। मुझे चोट लग गयी थी और मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था। मैंने इसे स्वीकार कर लिया और कड़ी मेहनत करना जारी रखा और अपनी प्रक्रिया और खेल पर काम करना जारी रखा।’’
धैर्य और दृढ़ संकल्प के बारे में है मेरी ये पारी
मयंक के लिए यह पारी ‘धैर्य और दृढ़ संकल्प’ के बारे में है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह पारी धैर्य और दृढ़ संकल्प के बारे में अधिक थी। इसमें योजना के साथ रहने के लिए अनुशासित होना जरूरी था। मुझे पता है कि मैं कभी-कभी अच्छा नहीं दिखता था, लेकिन मैंने अपना काम किया।’’ भारतीय टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने पर चार विकेट पर 221 रन बना लिये हैं। मयंक के साथ रिधिमान साहा (नाबाद 25) क्रीज पर मौजूद है।