- अहमद शहजाद ने वकार यूनिस पर लगाया बड़ा आरोप
- शहजाद ने कहा कि उनके करियर में गिरावट के जिम्मेदार यूनिस हैं
- शहजाद राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए घरेलू लीग में खेल रहे हैं
कराची: पाकिस्तान क्रिकेट टीम इस समय बाबर आजम के नेतृत्व में दमदार प्रदर्शन कर रही है। आजम ने बल्लेबाजी में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करके टीम का सामने से नेतृत्व किया है। एक क्रिकेटर, जिससे उम्मीद की गई थी कि वो बाबर आजम जैसा चाह सकते थे, वो हैं अहमद शहजाद। शहजाद ने 2019 में आखिरी बार पाकिस्तान टीम का प्रतिनिधित्व किया था और फिर खराब फॉर्म व चोटों के कारण वह टीम से बाहर रहे।
शहजाद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में टेस्ट और वनडे टीम से बाहर होने पर खुलकर बातचीत की और इसका आरोप पूर्व हेड कोच वकार यूनिस पर डाला। शहजाद ने अपनी दावेदारी पेश करने का मौका नहीं मिलने पर निराशा जाहिर की है। खबरों की मानें तो 2016 में वकार यूनिस ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उमर अकमल और अहमद शहजाद को अगर राष्ट्रीय टीम में वापसी करनी है तो घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। शहजाद इस बयान से नाखुश थे और उनका मानना था कि इन तरह की बातें आमने-सामने होना चाहिए थी और उन्होंने पूर्व कोच को ऐसा करने की चुनौती दी थी।
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शहजाद ने क्रिकेट पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने रिपोर्ट नहीं देखी थी। मगर पीसीबी अधिकारी ने कहा था कि मेरे संबंध में ऐसी बातें लिखी गई हैं। मेरा मानना है कि ऐसी चीजों के बारे में आमने-सामने बैठकर बातचीत कर सकते हैं। मैं उस चुनौती को लेने के लिए तैयार रहता। फिर हम देखने लगे कि कौन सही और कौन गलत। उनके शब्दों ने मेरे करियर को नुकसान पहुंचाया। विशेषकर इसलिए क्योंकि मैं अपनी बात सामने नहीं रख सका। यह पहले से सोची हुई साजिश थी और वो एक पत्थर से दो पक्षियों को मारना चाहते थे।'
30 साल के शहजाद ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें सीनियर खिलाड़ियों से समर्थन नहीं मिला क्योंकि उनका मानना है कि उसी समय विराट कोहली ने भी डेब्यू किया था और वह एमएस धोनी की कप्तानी व मार्गदर्शन में काफी परिपक्व बने। शहजाद ने पाकिस्तान के पूर्व और सीनियर क्रिकेटरों के बारे में भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा, 'मैं पहले भी कह चुका हूं और दोबारा कहूंगा। कोहली का करियर शानदार बना क्योंकि उन्हें एमएस धोनी मिले। मगर दुर्भाग्यवश पाकिस्तान में आपके लोग आपकी सफलता के साथ खड़े नहीं होते। हमारे सीनियर और पूर्व क्रिकेटरों को क्रिकेट की दुनिया में किसी और की सफलता हजम नहीं होती। यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए दुर्भाग्य की बात है।'