- अजिंक्य रहाणे ने कहा कि इस जीत को शब्दों में बताना मुश्किल
- अजिंक्य रहाणे ने कहा कि अपने खिलाड़ियों पर गर्व है
- टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम की
गाबा: आस्ट्रेलिया द्वारा रखे गए 328 रनों के लक्ष्य के बाद भारत की जीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन युवा कंधों ने टीम की जीत की जिम्मेदारी ली और भारत के खाते में ऐतिहासिक जीत डाली। इसी के साथ भारत ने चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है। भारत की इस जीत की इबारत शुभमन गिल (91) और ऋषभ पंत (नाबाद 89) ने लिखी। टीम की इस जीत से कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा है कि इस जीत को बयां करना मुश्किल है।
रहाणे ने मैच के बाद कहा, 'यह जीत काफी मायने रखती है। मुझे नहीं पता कि इस जीत को कैसे बयां करूं। मुझे अपनी टीम के खिलाड़ियों पर गर्व है, हर किसी पर। हम सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते थे परिणाम के बारे में नहीं सोच रहे थे। जब मैं बल्लेबाजी करने गया था तो मेरे और चेतेश्वर पुजारा के बीच यही बात हो रही थी कि पुजारा को सामान्य बल्लेबाजी करनी हैं और मुझे अपने शॉट्स खेलने हैं क्योंकि हम जानते थे कि आगे पंत और मयंक हैं। पुजारा को श्रेय देना होगा। उन्होंने जिस तरह से दबाव का सामना किया वो शानदार है। अंत में पंत ने भी बेहतरीन काम किया।'
सुंदर ने टीम में संतुलन बनाया: रहाणे
पंत ने 89 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाई और मैन ऑफ द मैच भी बने। रहाणे ने टीम के बारे में कहा, '20 विकेट लेना अहम था। इसलिए हमने पांच गेंदबाज चुने। वॉशिंगटन सुंदर टीम में संतुलन लेकर आए। सिराज ने दो टेस्ट मैच खेले थे, सैनी ने एक मैच खेला था। ठाकुर ने भी एक मैच खेला था। नटारजन भी पदार्पण किया था। ऐसी टीम के साथ मैच और सीरीज जीतना कितना अहम है, यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।'
भारत के लिए यह सीरीज आसान नहीं थी। एडिलेड में पहले टेस्ट मैच में मिली शर्मनाक हार के बाद भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली भी अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट गए थे। ऐसे में सभी ने भारत को नकार दिया था। लेकिन रहाणे की कप्तानी में टीम ने बेहद दमदार वापसी की और मुख्य खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद भी ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
रहाणे ने कहा, 'एडिलेड में मिली हार के बाद हमने इस बात पर चर्चा ही नहीं की थी कि क्या हुआ था। हम सिर्फ अपना खेल खेलना चाहते थे, अच्छी सोच, मैदान पर अच्छी प्रतिद्वंदिता दिखाना चाहते थे। यह टीम प्रयास की बात है।'