- हैपी बर्थडे एंड्रूयू सायमंड्स - 9 जून
- ऑस्ट्रेलिया के शानदार ऑलराउंडरों में हुआ शुमार
- अपने क्रिकेट करियर को एक-एक हरकत करके खुद कर दिया ध्वस्त
आज के दिन क्रिकेट जगत के एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था जिसके करियर के बारे में जितनी चर्चा होगी, वो कम है। शानदार खेल से लेकर विवादों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त तक, इस खिलाड़ी के नाम काफी कुछ दर्ज है। जन्म इंग्लैंड में हुआ और किस्मत ऑस्ट्रेलिया ले गई। उसके बाद जो कुछ उनके करियर के दौरान हुआ, हर चीज अनोखी रही। हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर एंड्रयू सायमंड्स की। उनके करियर के कुछ दिलचस्प पहलू जानने की कोशिश करते हैं, कि किस तरह एक शानदार क्रिकेटर ने 5 अलग-अलग हरकतों से अपने करियर को खुद बर्बाद कर लिया।
इंग्लैंड का खिलाड़ी, ऑस्ट्रेलिया का धुरंधर बना
एंड्रयू सायमंड्स उन चुनिंदा सफल क्रिकेटर्स में एक रहे जिनका जन्म किसी अन्य देश में हुआ और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट किसी और देश से खेला। सायमंड्स का जन्म आज 9 जून 1975 को बर्मिंघम (इंग्लैंड) में हुआ था। उनके माता-पिता में एक वेस्टइंडीज मूल के थे और दूसरे स्वीडिश मूल के थे। बाद में सायमंड्स को गोद लिया गया था और उनको गोद लेने वाला परिवार ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गया था। उनके पिता क्रिकेट के दीवाने थे जो हर हफ्ते दो बार 270 किलोमीटर का सफर करके एंड्रयू को वॉन्डरर्स क्लब से क्रिकेट खेलने ले जाते थे। बाद में वो गोल्ड कोस्ट शिफ्ट हो गए थे। फिर 1993-94 में उन्होंने क्वींसलैंड से पेशेवर क्रिकेट की शुरुआत कर दी थी।
तीन देशों से खेल सकते थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया को चुना
वो 1993 से 1998 के बीच क्वींसलैंड, ग्लूस्टरशायर और केंट क्रिकेट क्लब के लिए खेलते आगे बढ़े। एंड्रयू के सामने एक बहुत ही गजब स्थिति और अवसर था, दरअसल, वो तीन देशों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के योग्य थे। इंग्लैंड में जन्म, माता-पिता में एक का वेस्टइंडीज से होना और फिर ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से रहना, इन तीनों देशों से वो कहीं भी अपने करियर को बढ़ा सकते थे लेकिन सायमंड्स ने ऑस्ट्रेलिया को चुना। वो एक बेहतरीन बल्लेबाज और गेंदबाज होने के साथ-साथ एक शानदार फील्डर भी थे। देखते-देखते नवंबर 1998 में वो मौका आ गया जब पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के जरिए उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करने का अवसर मिला।
करियर के आंकड़े और आईपीएल में भी धमाल
एंड्रयू सायमंड्स ने 1998 से 2009 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेला जिस दौरान वो विश्व कप विजेता टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने 26 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके बल्ले से 2 शतक और 10 अर्धशतक के दम पर 1462 रन निकले और टेस्ट में 24 विकेट भी लिए। वहीं वनडे क्रिकेट में सायमंड्स ने 198 मैच खेले जिस दौरान उन्होंने 6 शतक जड़े और 30 अर्धशतक लगाते हुए 5088 रन बनाए और 133 विकेट भी लिए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सायमंड्स ने 14,477 रन बनाए जिसमें 40 शतक शामिल रहे और यहां 242 विकेट भी लिए। आईपीएल में वो 2008 से 2010 के बीच डेक्कन चार्जर्स का हिस्सा रहे जिस दौरान 2009 में उनकी टीम ने आईपीएल खिताब भी जीता। इसके बाद 2011 का एक सीजन उन्होंने मुंबई इंडियंस से खेला था।
विवाद और सायमंड्सः जब टीम मीटिंग के दौरान मछली पकड़ रहे थे
करियर के दौरान बेशक एंड्रयू सायमंड्स अपने खेल को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे लेकिन इसके साथ ही वो हमेशा विवादों की वजह से भी चर्चा में रहे। ये विवाद ही थे कि उनका करियर, जो काफी लंबा चल सकता था, वो समय से पहले खत्म हो गया, वो भी दाग के साथ। उनकी अनुशासनहीनता का एक किस्सा काफी मशहूर हुआ था जब 2008 में ऑस्ट्रेलियाई टीम बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज खेलने वाली थी। डारविन में जब टीम सीरीज की तैयारी में जुटी थी और एक अहम टीम मीटिंग हुई जिसमें सभी खिलाड़ी व कोच मौजूद थे, लेकिन सायमंड्स सबको दरकिनार कर, कहीं पर मछली पकड़ने में व्यस्त थे। उस दौरान कप्तान माइकल क्लार्क ने सार्वजनिक तौर पर कह दिया था कि सायमंड्स को फिर से सोचना होगा कि वो ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं या नहीं। सायमंड्स को सजा के तौर पर अक्टूबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के लिए टीम में नहीं चुना गया।
पब में मारपीट और वो विवादित इंटरव्यू
नवंबर 2008 में सायमंड्स की ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापसी तो हो गई लेकिन फिर वो एक विवाद में फंस गए। इस बार उन पर आरोप थे कि ब्रिस्बेन के एक पब में रात को उन्होंने किसी के साथ मारपीट की थी क्योंकि वो फैन उनके साथ फोटो खिंचवाते समय गले लगाना चाहता था। बाद में जांच हुई तो इसके पुख्ता सबूत ना जुटा पाने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया। लेकिन कुछ ही महीने बीते और जनवरी 2009 में वो फिर चर्चा में आ गए। इस बार एक टीवी इंटरव्यू को लेकर विवाद हुआ जिसमें उन्होंने कई आपत्तिजनक बातें कर दी थीं। बाद में दावा किया गया था कि इंटरव्यू के दौरान वो नशे में थे। इस इंटरव्यू में उन्होंने न्यूजीलैंड के दिग्गज खिलाड़ी ब्रैंडन मैकुलम को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया और अपने साथी खिलाड़ी मैथ्यू हेडन को लेकर कहा कि- मुझे हेडन के घर डिनर पर जाना इसलिए ज्यादा अच्छा लगता है क्योंकि मैं वहां उनकी पत्नी को देख सकता हूं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनको नियमों का उल्लंघन का दोषी पाया और इस इंटरव्यू के बाद जुर्माना लगाने के साथ-साथ मानसिक चिकित्सक से इलाज कराने को कहा।
शराब की लत और 2009 में एक और विवाद
जून 2009 में एंड्रयू सायमंड्स फिर विवादों में आए जब वो ऑस्ट्रेलियाई टीम में दोबारा शामिल किए जा चुके थे और इंग्लैंड में टी20 विश्व कप खेलने के लिए गए हुए थे। बताया जाता है कि, वहां शराब पीकर उन्होंने घंटों तक एक क्लब में समय बिताया था और फिर एक आधिकारिक चैरिटी डिनर समारोह के दौरान वो नशे में पहुंच गए थे, जहां उन्होंने किसी गैर क्रिकेटर के साथ आपत्तिजनक रवैया अपनाया जिसके बाद गुस्से में लाल कप्तान रिकी पोंटिंग ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से बात की और उनको तुरंत टीम से बाहर करते हुए फ्लाइट में बैठाकर वापस ऑस्ट्रेलिया रवाना कर दिया गया। ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में सायमंड्स का आखिरी विवाद साबित हुआ क्योंकि इसके बाद उन्हें दोबारा टीम में जगह नहीं दी गई।
हरभजन सिंह के साथ 'मंकीगेट' विवाद ने खड़ा किया हंगामा
उनके करियर के दौरान 2008 में एक ऐसा विवाद भी आया जो शायद उनके करियर में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। बात 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे से जुड़ी थी जब टीम इंडिया सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेल रही थी। दोनों ही टीमों में दो धाकड़ और जोशीले क्रिकेटर हरभजन सिंह और एंड्रयू सायमंड्स मैच के दौरान आमने-सामने आ गए थे। जब मैच के दौरान हरभजन बैटिंग कर रहे थे, तब उनकी एंड्रयू सायमंड्स के साथ कुछ कहासुनी हुई और ये बढ़ती चली गई जब अंपायर को आकर बीच-बचाव करना पड़ा। सायमंड्स ने नस्लवाद से जुड़े गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भज्जी ने उनको 'बंदर' कहा। ऑस्ट्रेलियाई तिलमिला उठे और उन्होंने भज्जी के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद मैच रेफरी ने मामले की सुनवाई की और भज्जी को दोषी मानते हुए उन पर तीन टेस्ट मैचों का प्रतिबंध लगा दिया। टीम इंडिया बेहद नाराज हुई। मामला अदालत तक पहुंचा। वहां भज्जी के लिए सचिन खड़े थे जिन्होंने पिच पर इस मामले को सामने से देखा था। कोर्ट में भज्जी पर गंभीर आरोप हटाए गए, प्रतिबंध का फैसला पलटा गया औऱ उन्हें सिर्फ 50 फीसदी मैच फीस का जुर्माना देना पड़ा।
क्रिकेट करियर के बाद क्या कुछ किया
जब सायमंड्स का क्रिकेट करियर अधर में जाता दिखने लगा तब उन्होंने भी वापसी की उम्मीदें छोड़ी दीं। क्रिकेट से हटकर उन्होंने कुछ समय रग्बी खेलने में बिताए। इसके बाद वो भारत में तब चर्चा में रहे जब मशहूर रिएलिटी शो बिग बॉस के पांचवें सीजन में एंड्रयू सायमंड्स एक कंटेस्टेंट बनकर आए। विनोद कांबली के बाद वो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले दूसरे क्रिकेटर थे। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया जब 2001 में अक्षय कुमार की फिल्म 'पटियाला हाउस' में उन्होंने एक छोटा सा किरदार निभाया। इसके बाद सायमंड्स क्रिकेट कमेंट्री करते रहे। बिग बैश लीग में वो कई बार कमेंट्री में हाथ आजमाते दिखाई दिए।