कोलकाताः भारत और बंगाल के अनुभवी तेज गेंदबाज अशोक डिंडा ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारपों से संन्यास लेने की घोषणा की जिससे उनके लगभग डेढ़ दशक लंबे करियर का अंत हो गया। भारत के लिए 13 एक दिवसीय और नौ टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने वाले 36 साल के डिंडा 2019-20 सत्र में सिर्फ एक रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने के बाद इस सत्र की शुरुआत में गोवा से जुड़ गए थे।
इस वजह से लिया संन्यास
गोवा के लिए उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तीन मुकाबले खेले लेकिन बाद में महसूस किया कि उनका शरीर साथ नहीं दे रहा है। डिंडा ने ईडन गार्डन्स में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘आज मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रहा हूं। मैंने बीसीसीआई और गोवा क्रिकेट संघ को इस संबंध में ईमेल भेज दिया है।’’
दादा को शुक्रिया कहा
डिंडा ने बीसीसीआई के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को धन्यवाद दिया जिन्होंने 2005-06 सत्र में लोगों के खिलाफ जाकर पुणे में महाराष्ट्र के खिलाफ इस तेज गेंदबाज को पदार्पण का मौका दिया था।
डिंडा का क्रिकेट करियर
अशोक डिंडा ने इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, पुणे वारियर्स, राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर का प्रतिनिधित्व किया। इस तेज गेंदबाज ने 78 आईपीएल मैचों में 22.20 के स्ट्राइक रेट से 68 विकेट चटकाए।
डिंडा ने 116 प्रथम श्रेणी मैचों में 420 विकेट हासिल किए और वह बायें हाथ के पूर्व स्पिनर उत्पल चटर्जी के बाद बंगाल के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज हैं। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अविषेक डालमिया, सचिव स्नेहाशीष गांगुली और संयुक्त सचिव देवव्रत दास ने डिंडा को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें चांदी की पट्टिका और फूलों का गुलदस्ता दिया।