- भानुका राजपक्षे और वनिंदु हसरंगा की पारी ने श्रीलंका को 58 रन पर 5 विकेट की मुश्किल से निकाला
- एक ओवर में मोहम्मद रिजवान सहित तीन बड़े विकेट लेकर वनिंदु हसरंगा ने कर दी श्रीलंका की जीत पक्की
- प्रमोद मधुशान ने अपने दूसरे मुकाबले में चार विकेट लेकर किया पाकिस्तान को परेशान
दुबई: टूर्नामेंट के आगाज से पहले सबसे कमजोर टीम मानी जा रही श्रीलंका ने सभी अटकलों को धत्ता बताते हुए रविवार को पाकिस्तान को 23 रन के अंतर से पटखनी देते हुए एशिया कप 2022 का खिताब अपने नाम कर लिया। श्रीलंका की यह एशिया कप में छठी खिताबी जीत है।
टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के खिलाफ 10 विकेट के अंतर से करारी हार के साथ शुरुआत करने वाली दसुन शनाका की कप्तानी वाली टीम खिताब अपने नाम कर लेगी यह दो सप्ताह पहले किसी ने नहीं सोचा था। अफगानिस्तान के खिलाफ हार के बाद श्रीलंका की टीम ने लगातार पांच मैच में शानदार जीत दर्ज करके खिताब अपने नाम किया है। इसलिए इसे तुक्का भी नहीं कहा जा सकता।
टूर्नामेंट में श्रीलंका की टीम को कई नए हीरो मिले लेकिन श्रीलंकाई टीम की फाइनल मुकाबले में जीत में इन पांच खिलाड़ियों की अहम भूमिका रही। अगर ये खिलाड़ी खिताबी जंग में ऐन मौके पर नहीं उठ खड़े होते तो श्रीलंकाई टीम के सिर पर एशिया चैंपियन होने का ताज नहीं सजता। ऐसे में आइए जानते हैं श्रीलंका की खिताबी जीत के पांच पांडव कौन हैं?
भानुका राजपक्षे:
भानुका राजपक्षे मैच के असली मैच विनर रहे। उन्होंने टीम 58 रन पर 5 विकेट के स्कोर से उठाकर 20 ओवर में 170 रन के स्कोर तक पहुंचाया। छठे और सातवें विकेट के लिए वनिंदु हसरंगा और चमिका करुणारत्ने के साथ अर्धशतकीय साझेदारी करके उन्होंने आखिरी 11 ओवर में 112 रन जोड़े। पांचवें पायदान पर बल्लेबाजी करने आए राजपक्षे अंत तक नाबाद रहे और 45 गेंद में 71 रन बनाकर वापस पवेलियन लौटे। उनकी पारी ने टीम का मनोबल बढ़ा दिया था। अंत में उन्हें मैन ऑफ द मैच भी इस शानदार मैच विनिंग परफॉर्मेंस के लिए चुना गया।
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वनिंदु हसरंगा:
श्रीलंका के युवा लेग स्पिनर वनिंदु हसरंगा टूर्नामेंट में एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ लगातार दो मैच में 3-3 विकेट हासिल किए और बल्ले से भी जीत में योगदान दिया। शुक्रवार को वो 10 रन बनाकर नाबाद रहे और रविवार को 21 गेंद में 36 रन की आतिशी पारी खेली। उन्होंने गेंदबाजी में भी 27 रन देकर 3 विकेट लिए। ये तीनों विकेट अपने स्पेल के आखिरी ओवर में मोहम्मद रिजवान, आसिफ अली और खुशदिल शाह के रूप में हासिल किए। वो फाइनल में मैन ऑफ द मैच बनने की भी दावेदार थे लेकिन बाजी राजपक्षे के हाथ लगी। टूर्नामेंट में 9 विकेट और 150 के स्ट्राइक रेट से 66 रन बनाने के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया।
प्रमोद मधुशान:
युवा तेज गेंदबाज प्रमोद मधुशन ने अपने करियर का दूसरा मैच खेलते हुए 4 ओवर में 34 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। उन्होंने बाबर आजम, फखर जमां, इफ्तिखार अहमद और नसीम शाह के विकेट अपने नाम किए। बाबर आजम और फखर जमां के विकेट लगातार दो गेंदों में झटककर मैच का शुरुआती दौर में ही रुख श्रीलंका के पक्ष में कर दिया था।
धनंजय डिसिल्वा:
धनंजय डिसिल्वा ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबले में शुरुआती विकेटों की पतझड़ के बीच मोर्चा संभाले रखा और 21 गेंद में 28 रन की पारी खेलकर टीम की बल्लेबाजी की लय बरकरार रखी। जब वो आउट हुए तब टीम 7.4 ओवर में पचास रन के पार पहुंच चुकी थी। लेकिन इसके बाद गेंदबाजी में उन्होंने अपना जौहर दिखाया और 1 ओवर में 4 रन देकर पाकिस्तान की जरूरी रन रेट में इजाफा करने में बड़ी भूमिका अदा की।
दसुन शनाका:
बतौर कप्तान दसुन शनाका की भूमिका बेहद मैच में अहम रही। बल्ले से वो कमाल नहीं दिखा सके और 3 गेंद में 2 रन बनाकर पवेलियन लौटे। लेकिन उनकी कप्तानी की भूमिका टीम की जीत में अहम रही। इसी वजह से जीत का सेहरा भी उनके ही सिर पर सजा क्योंकि बगैर किसी स्टार खिलाड़ी वाली टीम को खिताबी जीत दिलाकर उन्होंने श्रीलंका स्टार्स वाली टीम में तब्दील कर दिया है।