- ऑस्ट्रेलिया सरकार ने लगाई गेंद को चमकाने के लिए पसीने और लार के इस्तेमाल पर लगेगी रोक
- खेलों की वापसी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने जो खाका तैयार किया उसमें दिये गये सुझाव में यह शामिल है।
- अंपायरों की देखरेख में कृत्रिम पदार्थों के उपयोग की अनुमति देने की संभावना तलाश रहा है आईसीसी
नई दिल्ली: लोगों की नजरें कोराना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए आईसीसी द्वारा गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर टिकी थीं। इस विषय पूरी दुनिया में बहस छिड़ी हुई थी लेकिन इस पर कोई निर्णायक फैसला हो पाता उससे पहले ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने देश के खिलाड़ियों को इस संबंध में एक फरमान सुना दिया।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने देश में कोविड-19 के संक्रमण के रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। एक नए नियम के अनुसार कोरोना से उबरने के बाद जब क्रिकेट अभ्यास शुरू होगा, तब ऑस्ट्रेलिया में गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। इस महामारी के बाद खेलों की वापसी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने जो खाका तैयार किया उसमें दिये गये सुझाव में यह शामिल है।
ऐसी अटकलें हैं कि आईसीसी भी इसके संक्रमण के जोखिम को कम करने के मकसद से गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग बंद करने पर विचार कर रहा है। आईसीसी लाल गेंद को चमकाने के लिए अंपायरों की देखरेख में कृत्रिम पदार्थों के उपयोग की अनुमति देने की संभावना पर विचार कर रहा है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक ऑस्ट्रेलियाई खेल संस्थान (एआईएस) ने चिकित्सा विशेषज्ञों, खेल निकायों के अलाव संघीय और राज्य सरकारों के परामर्श से ने दिशानिर्देश जारी किये है , जिनमें गेंद को चमकाने के लिए पसीना और लार के उपयोग पर प्रतिबंध की बात कही गई है। इस दिशा-निर्देश में खेलों की तीन चरण (ए, बी और सी) में वापसी का जिक्र है।
मौजूदा समय में खेलों पर जो रोक है वह 'ए' स्तर की है जिसमें व्यक्तिगत अभ्यास के अलावा हर चीज पर प्रतिबंध है। एक सप्ताह से कुछ अधिक समय के बाद प्रतिबधों को बी स्तर का कर दिया जाएगा जहां सीमित संख्या में अभ्यास की इजाजत होगी। इस दौरान गेंद पर लार या पसीने के इस्तेमाल पर रोक जारी रहेगी।
तीसरी और आखिरी चरण (सी) में पूर्ण अभ्यास की छूट होगी लेकिन इसमें भी न गेंद पर लार या पसीने के इस्तेमाल पर रोक जारी रहेगी। दिशा-निर्देश में कोविड-19 बीमारी के किसी भी लक्षण वाले खिलाड़ी को अभ्यास से दूर रहने की सलाह दी गयी है।