- रिद्धिमान साहा को धमकी देने के मामले में बीसीसीआई ने लगाया बोरिया मजूमदार पर दो साल का बैन
- दो साल तक बीसीसीआई के किसी कार्यक्रम या मैच की कवरेज में नहीं हो सकेंगे शामिल
- इस दौरान किसी भी भारतीय खिलाड़ी का नहीं ले पाएंगे साक्षात्कार
मुंबई: विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धमान साहा को धमकी देने के मामले में दोषी पाए गए जाने-माने खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर दो साल के प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है।
इस संबध में बीसीसीआई द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक, बोरिया मजूमदार भारत में आयोजित होने वाले किसी भी तरह क्रिकेट मैच (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) अगले 2 साल तक कवर नहीं कर सकेंगे। वो इन दो साल तक मीडिया एक्रिडिटेशन पाने के हकदार नहीं होंगे। इस दौरान वो 2 साल तक भारत के रजिस्टर्ड खिलाड़ियों के साक्षात्कार नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा वो बीसीसीआई और बीसीसीआई के सदस्य संगठनों की किसी भी तरह की सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पाएंगे।
मैं अपमान नहीं सहता, और इसे याद रखुूंगा
बोरिया मजूमदार के साथ हुई चैट को रिद्धिमान साहा ने साझा कर दिया था। 19 फरवरी को साहा ने चैट साझा करते हुए लिखा, 'भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद एक तथाकथित सम्मानित पत्रकार से मुझे अपमान का सामना करना पड़ा! मजूमदार ने साहा से चैट के दौरान कहा, आपने कॉल नहीं किया। फिर कभी मैं आपका साक्षात्कार नहीं करूंगा। मैं अपमान नहीं सहता और मैं इसे याद रखूंगा।'
हालांकि साहा ने पत्रकार का नाम अपनी ओर से साझा नहीं किया था। साहा के सोशल मीडिया पर इसे सबके सामने रखने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और बीसीसीआई ने इसपर संज्ञान लेकर जांच समिति का गठन किया था। जिसने धमकी देने वाले पत्रकार की पहचान बोरिया मजूमदार के रूप में की थी।
तीन सदस्यीय समित ने की थी जांच
मामले के सामने आने के बाद बोरिया ने साहा पर टैच को टेंपर करने का आरोप लगाया था और मामले को कोर्ट ले जाने की धमकी दी थी और मामले पर सफाई देते हुए अपनी पहचान जाहिर की थी। लेकिन इसके बाद बीसीसीआई ने तीन सदस्यीय जांच समिति की गठन किया था जिसमें बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और प्रभजोत सिंह भाटिया शामिल थे। जांच में समिति ने पाया कि जो मैसेज साहा को पत्रकार ने भेजे थो वो धमकी वाले लहजे के थे। ऐसे में समिति ने बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने की सिफारिश की थी जिसे बीसीसीआई ने लागू कर दिया है।