- पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष अपनी पारी हाल में शुरू की
- गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही भारत के पहले डे/नाईट टेस्ट आयोजित कराने का फैसला किया
- गांगुली ने एनसीए में राहुल द्रविड़ से मुलाकात करके भारतीय क्रिकेट के रोडमैप पर भी बातचीत की
नई दिल्ली: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली तब से सुर्खियों में बने हुए हैं जब से उन्होंने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया। भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक डे-नाईट टेस्ट आयोजित कराने का बोल्ड फैसला लेने के बाद गांगुली इस समय भारतीय क्रिकेट के कई स्टेकहोल्डर्स को अपनी योजनाओं में शामिल करने में व्यस्त हैं। सौरव गांगुली ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डे-नाईट टेस्ट के बारे में बात की और साथ ही खुलासा किया कि आक्रामक भारतीय कप्तान विराट कोहली को संभालना मुश्किल है या नहीं।
डे-नाईट टेस्ट के बारे में बात करते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, 'हम कोशिश करेंगे कि हर साल में भारत में कम से कम एक डे-नाईट टेस्ट खेले। यह जरूरी है। जब भारत विदेशी दौरे पर जाए तो हम उस देश के बोर्ड से बात करेंगे कि वहां एक डे-नाईट टेस्ट में हम नजर आएं।' क्या टीम इंडिया को भी तीनों प्रारूपों में अलग-अलग कप्तान की जरूरत है। इस बारे में गांगुली ने कहा, 'यह कई बार कहा गया कि आईपीएल में मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते हुए रोहित शर्मा के पास बेहतर अनुभव है और विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में वह टीम इंडिया का भी अच्छे से नेतृत्व करते हैं, इसके चलते उन्हें सीमित ओवर क्रिकेट में कप्तान बना देना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इस बारे में विचार करने की भी जरुरत है।'
गांगुली ने अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में बात करते हुए कहा, 'मुझे अपने आप पर बहुत भरोसा है। आप मुझे कुछ दीजिए और अगर इसमें मुझे कुछ बदलाव की जरुरत लगती है तो मैं करके रहूंगा। ड्रेसिंग रूम में बैठकर कोई अच्छा क्रिकेटर नहीं बन जाता। आपकी तभी इज्जत होती है जब आप कड़ी चुनौती को लेकर आगे बढ़ते हो। मुझे जिम्मेदारी दीजिए और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। मुझे अकेला छोड़ेंगे तो हो सकता है कि मैं गिर जाऊं।'
यह पूछने पर कि क्या विराट कोहली को संभालना मुश्किल है? इस पर गांगुली ने जवाब दिया, 'बिलकुल भी नहीं। मैं टीम चयन मामलों में शामिल नहीं होने वाला। इसी बात का ध्यान रखना है।' गांगुली ने बताया कि अगली राष्ट्रीय चयन समिति में कैसे लोगों को चुना जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम उन लोगों को नियुक्त करने की कोशिश करेंगे, जिनके पास अच्छा अनुभव हो और वह प्रतिस्पर्धी हो।'
47 वर्षीय गांगुली ने टेस्ट क्रिकेट में लोगों की रूचि बढ़ाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'यह चीजें एक ढांचे में आगे बढ़ती हैं। जी हां, मैं दक्षिण अफ्रीका के पिछले दौरे के प्रदर्शन से निराश था, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें लय में लौटने के लिए कुछ समय की जरुरत है और वह टीम बनेंगी, जैसी हमारे समय थी। यही हाल पाकिस्तान और श्रीलंका का भी है। कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा था, लेकिन उसने चीजें बदली हैं।'