- बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पांचवें टेस्ट पर पहली बार खुलकर बयान दिया
- कोविड-19 मामलों के कारण रद्द हो गया था भारत-इंग्लैंड मैनचेस्टर टेस्ट
- आईसीसी को पत्र लिखा गया लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि भारत और इंग्लैंड के बीच प्रस्तावित एक टेस्ट मैच को श्रृंखला का पांचवां और निर्णायक मैच माना जाना चाहिए जिसे कि भारतीय खेमे में कोविड-19 के मामले पाये जाने के बाद रद्द कर दिया गया था।
उन्होंने इस मैच को एकमात्र टेस्ट के रूप में मानने की संभावना से भी इन्कार किया।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को पत्र लिखकर रद्द कर दिये मैच के भाग्य पर विवाद समाधान समिति (डीआरसी) के फैसले की मांग की है। आईसीसी ने अभी तक इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है। यह मैच 10 सितंबर से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाना था।
हम चाहते हैं कि पूरी हो सीरीज
गांगुली ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि श्रृंखला पूरी हो जाए क्योंकि यह हमारी (इंग्लैंड में) 2007 के बाद श्रृंखला में पहली जीत होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट वास्तविक प्रारूप है और इससे किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा।’’ जब यह मैच रद्द किया गया तब भारत श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा था। भारतीय टीम ने मुख्य कोच रवि शास्त्री सहित सहयोगी स्टाफ के सदस्यों के कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाये जाने के बाद खेलने से इन्कार कर दिया था।
सौरव गांगुली का सख्त संदेश
यदि इस मैच को ‘गंवा दिया’ की श्रेणी में रखा जाता है तो इससे ईसीबी को चार करोड़ पौंड की बीमा राशि मिल सकती है। उसने दावा किया है कि इससे उसे मैच रद्द किये जाने से होने वाले नुकसान की भरपायी करने में मदद मिलेगी। गांगुली से यह पूछे जाने पर कि क्या बीसीसीआई ने अगले साल जुलाई में सीमित ओवरों की श्रृंखला के दौरान टेस्ट के बदले में दो अतिरिक्त टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की पेशकश की है, उन्होंने कहा, ‘‘हम अतिरिक्त वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने के लिये तैयार हैं और यह मुद्दा नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बस इतना है कि बाद में जो टेस्ट मैच खेला जाएगा वह श्रृंखला का पांचवां मैच होगा।’’
हमें भी हो चुका है नुकसान
आईसीसी को यदि लगता है कि मैच का आयोजन कोविड-19 के कारण नहीं हो पाया तो फिर भारत आधिकारिक तौर पर 2-1 से श्रृंखला जीत जाएगा। इस तरह से मैच रद्द किये जाने को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के कोविड से जुड़े नियमों के अंतर्गत ‘स्वीकार्य’ माना जाता है। गांगुली ने कहा, ‘‘पिछले 18 महीनों में कोविड-19 के कारण श्रृंखलाएं रद्द करने को प्राथमिकता दी गयी। बीसीसीआई ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी घरेलू श्रृंखला रद्द कर दी थी जिससे हमें चार से पांच करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।’’
आगे से चिकित्सा सलाह की जरूरत
उन्होंने इसके साथ ही उम्मीद जतायी कि भविष्य में ऐसे मामलों में ठोस ‘चिकित्सा सलाह’ होगी जिससे टीम के अंदर कोविड के मामले पाये जाने के बावजूद श्रृंखला जारी रखी जा सके। इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘क्योंकि हम जानते हैं कि दर्शकों और टेलीविजन के दर्शकों के मामले में यह कितना नुकसानदायक है विशेषकर जबकि इस तरह की रोमांचक श्रृंखला खेली जा रही हो। टेस्ट क्रिकेट बीसीसीआई की पहली प्राथमिकता है।’’
चिंतित खिलाड़ियों पर दबाव नहीं डाल सकते थे
गांगुली ने कहा कि बीसीसीआई को निराशा है कि इस मैच का आयोजन नहीं हो पाया लेकिन वह चिंतित खिलाड़ियों पर एक सीमा से आगे दबाव नहीं बना सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘हम बेहद निराश हैं कि यह श्रृंखला बीच में ही खत्म हो गयी। इसका एकमात्र कारण कोविड-19 का प्रकोप और खिलाड़ियों की सुरक्षा थी। हम एक सीमा तक ही उन्हें मजबूर कर सकते है। महामारी इतनी बुरी है कि कोई भी एक निश्चित सीमा से आगे नहीं बढ़ सकता।’’
नई टीम विकल्प नहीं था
गांगुली से पूछा गया कि क्या खेलने में असहज महसूस करने वाले सीनियर खिलाड़ियों को विश्राम देकर नयी टीम उतारने पर विचार किया गया, उन्होंने न में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं यह विकल्प नहीं था क्योंकि योगेश परमार (जूनियर फिजियो जिनका परीक्षण मैच से पहले पॉजिटिव आया था) का सभी खिलाड़ियों से करीबी संपर्क था।’’ गांगुली ने कहा, ‘‘इसलिए यह निश्चित तौर पर चिंता का कारण था। यह ऐसा है जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं है और खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार भी थे।’’