- बेन स्टोक्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट कार्यक्रम पर निकाली भड़ास
- स्टोक्स ने अपनी डॉक्यूमेंट्री में बताया कि कैसे क्रिकेट का भार उन पर पड़ने लगा
- स्टोक्स ने कहा कि कार्यक्रम सभी शामिल लोगों के लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए
लंदन: 'हम कार नहीं, जिसे आप पेट्रोल भरकर चला सकते हैं', इंग्लैंड के ऑलराउंडर और टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने पिछले महीने वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था तो इंटरनेशनल कार्यक्रम पर इन शब्दों के साथ भड़ास निकाली थी। स्टोक्स के हैरान करने वाले फैसले ने चर्चाओं का बाजार खोला, जिसमें क्रिकेट के भविष्य पर बातें हुईं। 50 ओवर प्रारूप के खत्म होने की बातें उठीं तो क्रिकेट कार्यक्रम पर चर्चा चली कि क्रिकेटर्स को दो सीरीज के बीच में सांस लेने की फुर्सत भी नहीं मिलती।
अपनी डॉक्यूमेंट्री बेन स्टोक्स: फिनिक्स फ्रॉम द एशेज के रिलीज होने से पहले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में से एक स्टोक्स ने अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम पर भड़ास निकाली और इसे बकवास करार दिया। स्टोक्स की डॉक्यूमेंट्री शुक्रवार को एमेजन प्राइम पर रिलीज होगी। इसमें उन्होंने बातचीत की थी कि कैसे क्रिकेट ने उनके दिमाग पर असर करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि घर में हाल ही में संपन्न वनडे सीरीज पर नजर डालें तो खिलाड़ियों के पास ट्रेनिंग करने का समय नहीं था, जो कि सभी लोग शामिल होने के लिए आंख खोलने वाला है।
मिरर से बातचीत में स्टोक्स ने कहा, 'पूरा कार्यक्रम काफी व्यस्त हैं। मेरे विचार में यह गलत है कि शीर्ष स्तर पर आप अब तक देख रहे हैं कि कब आप रूकेंगे। मैं जानता हूं कि मैं ये सब क्रिकेट नहीं खेल सकता। यह मजाक है। एक के बाद एक सीरीज होना बकवास है। एक ही समय पर टेस्ट और वनडे सीरीज होना मेरे लिए दंग करने वाली चीज है। हाल ही में संपन्न सफेद गेंद सीरीज में खिलाड़ियों के पास ट्रेनिंग का समय नहीं थ। यह शामिल लोगों के लिए आंख खोलने वाली बात है।'
जुलाई में इंग्लैंड ने 1-5 तक टेस्ट मैच खेला और इसके अलावा 7,9,10,12,14, 17,19,22,24,27,28 और 31 को खेले गए और उन 12 मैच। स्टोक्स ने कहा कि जब सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नहीं खेलेंगे तो खेल भी दर्शकों को जरूरी मनोरंजन नहीं दे पाएगा। इसलिए जरूरी है कि कार्यक्रम पर ध्यान दिया जाए। स्टोक्स ने कहा, 'यहां पर इन कार्यक्रम पर एक नजर डालने की जरूरत है और कोई पूछे कि खिलाड़ियों से इतना ज्यादा करने को क्यों कहा जा रहा है।'