मेलबर्न: कोरोना वायरस के कहर के कारण ओलंपिक सहित दुनियाभर की तमाम बड़ी खेल प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गई हैं।भारत में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को सरकार ने 3 मई तक के लिए बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद आईपीएल 2020 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिय गया। ऐसे में अब तलवार ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच खेले जाने वाले टी20 विश्व कप के आयोजन पर भी लटक गई है।
ऐसे में आस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर ब्रैड हॉग ने टी20 विश्व कप को स्थगित होने से बचाने के लिए एक आई़डिया पेश किया है। उनका मानना है कि उनके देश को इस साल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार टी20 विश्व कप आयोजन करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, भले ही इसके लिए टीमों को एक महीने पहले चार्टर्ड फ्लाइट में लाना पड़े और सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों का कोविड-19 परीक्षण कराना पड़े।
कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों की जान गई है और कई देशों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी 6 महीने के लिए अपने देश की सीमाएं सील कर दी हैं। छह महीने की यह अवधि भी सितंबर में खत्म होगी। टूर्नामेंट का समय से आयोजन अधर में अटक गया है।
ऐसे में हॉग ने कहा कि वह टूर्नामेंट को स्थगित या रद्द करने के विचार के खिलाफ हैं और टूर्नामेंट के सुचारू आयोजन के लिए आयोजकों को समय रहते कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर डाले वीडियो में कहा, 'इस तरह की बातें हो रही हैं कि ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप को रद्द किया जा सकता है या इसका समय बदला जा सकता है। मुझे यह पसंद नहीं है... लेकिन कुछ समस्याएं हैं जिनका हल निकालने की जरूरत है।'
हॉग ने आगे कहा, 'काफी खिलाड़ी लॉकडाउन से गुजर रहे हैं। वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और टी20 विश्व कप जैसे टूर्नामेंट के लिए ट्रेनिंग और तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए हमें उन्हें यहां एक या डेढ़ महीना पहले लाना होगा।'
हॉग ने सुझाव दिया कि ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के लिए चार्टर्ड फ्लाइट लेने से पहले प्रत्येक खिलाड़ी का परीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'व्यावसायिक उड़ाने उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हमें चार्टर्ड उड़ानों का सहारा लेना होगा। चार्टर्ड फ्लाइट में बैठने से पहले सभी खिलाड़ियों का परीक्षण होना चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में आने के बाद उन्हें दो हफ्तों के लॉकडाउन से गुजरना होगा। दो हफ्ते का पृथक रहने का समय पूरा होने के बाद उनका दोबारा परीक्षण होगा और अगर वे परीक्षण में सफल रहते हैं तो बाहर जाने, तैयारी और ट्रेनिंग करने के लिए स्वतंत्र होंगे।'
हॉग ने कहा कि क्रिकेट में सामाजिक दूरी बनाना समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'सामाजिक दूरी बनाना क्रिकेट में समस्या नहीं होगी क्योंकि अधिकांश समय खिलाड़ी एक दूसरे से एक-डेढ़ मीटर से अधिक की दूरी पर ही रहते हैं। एकमात्र समस्या स्लिप में हो सकती है लेकिन इसके लिए नियम बनाया जा सकता है कि स्लिप में दो खिलाड़ियों के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी होगी।'