जिस क्रिकेटर ने दशकों पहले शारजाह में पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम गेंद पर जावेद मियांदाद के खिलाफ छक्का खाया था और पूरे देश में विलेन बना था। अब वो दिग्गज एक लंबा सफर तय कर चुका है। हम बात कर रहे हैं पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा (Chetan Sharma) की, जिनको बीसीसीआई राष्ट्रीय सीनियर चयन समिति का नया चेयरमैन चुना गया है।
चेतन शर्मा के अलावा पूर्व क्रिकेटर एबे कुरुविला और देबशीष मोहंती को भी चयन समिति का सदस्य बनाया गया है। मदन लाल की अगुवाई वाली बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने ये फैसला लिया। सीएसी में आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक भी शामिल हैं। सीएसी ने चेतन शर्मा, कुरुविला और मोहंती के नामों का सुझाव दिया।
इन तीनों में चेतन शर्मा को उनके अनुभव व टेस्ट मैच संख्या को देखते हुए चेयरमैन का पद दिया गया है। बीसीसीआई के संविधान के अनुसार सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाला उम्मीदवार मुख्य चयनकर्ता बनता है। सीएसी सभी सदस्यों का एक साल बाद रिव्यू करेगी और उसके बाद बीसीसीआई को आगे का सुझाव देगी। ये तीनों नए सदस्य, समिति में पहले से मौजूद सुनील जोशी और हरविंदर सिंह के साथ चयन समिति को संभालेंगे।
चेतन शर्मा का सफर
पूर्व भारतीय खिलाड़ी शर्मा 11 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 23 टेस्ट और 65 वनडे में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जिसमें 1987 विश्व कप में हैट्रिक लेना चर्चित उपलब्धि है। शर्मा ने 16 साल की उम्र में हरियाणा के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में टेस्ट पदार्पण किया जिससे एक साल पहले उन्होंने दिसंबर 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे आगाज किया था।
नए चेयरमैन चेतन शर्मा और बाकी के चार अन्य चयन समिति सदस्यों का पहला कार्य होगा इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन करना। इससे पहले चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद थे जिनका कार्यकाल काफी विवादों से भरा रहा था।