- पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दी थी 333 रन से करारी मात
- दूसरे टेस्ट में भी की थी शानदार शुरुआत, पहली पारी में हासिल कर ली थी 87 रन की लीड
- लेकिन अंत में पुजारा-रहाणे की बल्लेबाजी और अश्निन की गेंदबाजी की वजह से 75 रन से गंवा दिया था मैच
नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम की अहम कड़ी चेतेश्वर पुजारा ने बताया है कि साल 2017 में स्टीव स्मिथ की कप्तानी में भारत दौरा करने वाली ऑस्ट्रेलिया टीम से सीरीज में विजयी शुरुआत करने का बाद भी कहां चूक हो गई थी। पुणे में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में बांए हाथ के स्पिनर स्टीव ओ'कीफ की शानदार गेंदबाजी के आगे विराट सेना ने घुटने टेक दिए थे और टीम को 333 रनों की करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
पहले टेस्ट में हार के बाद बैकफुट पर था भारत
पहले टेस्ट में करारी हार के बाद टीम इंडिया बैकफुट पर थी। इसके बाद चार मैचों की सीरीज के बेंगलुरू में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में मेहमान टीम जो चाहती थी वो हासिल करने की तरफ बढ़ रही थी और उन्हें लगा था कि वह पहले ही मैच जीत चुके हैं, जिसे वो अंत में हार गए। बेंगलुरू टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय टीम सस्ते में सिमट गई थी और स्टीव स्मिथ की टीम 87 रनों की बढ़त हासिल करने में सफल रही। लेकिन अंत में टीम इंडिया ने 75 रन के अंतर से वो मैच अपने नाम करके सीरीज में शानदार वापसी की।
पुजारा और रविचंद्रन अश्विन ने इंस्टाग्राम चैट के दौरान खुलासा किया कि कंगारू टीम ने कहां पर चूक कर दी। उन्होंने कहा, चार मैचों की टेस्ट सीरीज में जब आप 0-1 से पीछे हो तो वापसी करना मुश्किल होता है। बेंगलुरू टेस्ट मैच की पहली पारी में, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। इसलिए जब मैं बल्लेबाजी करने जा रहा था तो मुझे काफी दबाव महसूस हो रहा था। अनिल भाई (कुंबले) ने मुझसे नाथन लॉयन को खेलने के बारे में बात की। मैं एनसीए गया था और कुछ चीजों पर काम किया था जिससे मुझे मदद मिली।
अति-आत्मविश्वास कंगारुओं को ले डूबा
इसके बाद पुजारा और रहाणे ने दूसरी पारी में बेहतरीन शतकीय साझेदारी की जिससे भारत को मदद मिली। पुजारा ने 92 रन बनाए तो वहीं रहाणे ने 52 रनों का योगदान दिया और भारत को 187 रनों का लक्ष्य रखने में मदद की। पुजारा ने बताया, लेकिन जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो मुझे दबाव महसूस हुआ। जिस तरह की स्लेजिंग वो लोग कर रहे थे..मुझे लगा कि वो लोग जो चाहते हैं उसे हासिल करने में हमसे आगे हैं। उनकी प्रक्रिया ऐसी थी कि वो सोच रहे थे कि वो जीत गए हैं।
उन्होंने कहा, चायकाल तक मैं रहाणे के साथ बल्लेबाजी कर रहा था। हम ड्रेसिंग रूम में आ रहे थे और वो ऐसे स्लेजिंग कर रहे थे जैसे जीत गए हों, मुझे लगता है कि यहीं चीजें बदल गईं। अश्विन ने इसके बाद बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए दूसरी पारी में 41 रन देकर छह विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में सिर्फ 188 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 112 रनों पर ही ढेर हो गई थी और भारतीय टीम ने 75 रन के अंतर से जीत हासिल की थी।