- वर्तमान परिस्थितियों में आम इंसान जैसी हैं खिलाड़ियों की चिंताएं
- परिवार के लोगों को और दोस्तों के स्वास्थ्य की है फिक्र
- चोट से उबरने का चोटिल खिलाड़ियों को मिल रहा है वक्त
लंदन: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने खिलाड़ियों को भी अपनी यथास्थिति का अहसास करा दिया है कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण पैदा हुई चुनौती में वह भी आम इंसान की तरह असुरक्षित हैं। कोविड-19 महामारी के कारण अब तक विश्व भर में 80,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 15 लाख लोग प्रभावित हैं। वुड ने कहा कि वह भी अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने बीबीसी में अपने कॉलम में लिखा, 'ऐसा भी समय होता है जबकि पेशेवर खिलाड़ी अपनी ही दुनिया में जीते हैं। कोरोना वायरस ने वह बुलबुला फोड़ दिया है। अपनी फिटनेस, प्रदर्शन और अगले मैच के बारे में सोचने के बजाय हमारी चिंताएं भी आम इंसान जैसी ही हैं।' उन्होंने कहा, 'यह दहशत पैदा करने वाला समय है जिसने मुझे अपने परिवार और दोस्तों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित कर दिया है। मैं अपने माता पिता और दादा दादी को लेकर चिंतित हूं। मेरे कुछ दोस्त एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) में काम करते हैं और इतने तनाव के बीच वे काम कर रहे हैं।'
वुड ने कहा, 'मैं इंग्लैंड के लिये क्रिकेट खेलता हूं इसका मतलब यह नहीं है कि अभी देश जिस चुनौती से जूझ रहा है मैं उससे बच जाऊंगा। मैं भी सुपर मार्केट के बाहर कतार में खड़ा रहा और मैंने भी अपना सिर मुंडवा दिया है क्योंकि पता नहीं कि फिर मुझे कब बाल बनवाने का मौका मिलेगा।'
कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन है। वुड भी अपने घर में हैं और उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें चोट से उबरने में मदद मिलेगी जिसके कारण वह श्रीलंका दौरे पर नहीं जा पाये थे जो बीच में ही रद्द कर दिया गया था। वुड ने कहा, 'कोरोना वायरस संकट से पहले मैं श्रीलंका दौरे पर नहीं जा पाने के कारण निराश था। यह सुनकर अच्छा लगा कि कप्तान जो रूट मुझे अगले एशेज दौरे में टीम में चाहते हैं। इसलिए मैं 2021 के दौरे में टीम में रहने के लिये अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करूंगा।'