नई दिल्ली: मौजूदा समय खेल जगत के लिए बेहद चिंताजनक और परेशान करने वाला है। खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं और किसी तरह खेलों की बहाली के लिए नए-नए तरीकों के बारे में सोचा जा रहा है। इसी बीच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने भारत के सामने एक अजीबोगरीब प्रस्ताव रख दिया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि भारत इस साल के अंत में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज की जगह पांच मैचों की सीरीज खेले। इस पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने क्या जवाब दिया है, आइए जानते हैं।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के पांच टेस्ट मैचों वाली टेस्ट सीरीज के प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। दादा का कहना है कि उनके इस प्रस्ताव को मानना इस साल संभव नहीं हो सकेगा। सीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) केविन रोबटर्स ने पहले भारत के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की बात कही थी, लेकिन गांगुली ने कोरोनावायरस के कारण 14 दिन क्वारंटीन में रहने की बात का हवाला देते हुए इसे मुश्किल बताया है।
मिड-डे ने गांगुली के हवाले से लिखा है, 'मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलना मुमकिन होगा। सीमित ओवरों की सीरीज भी है और इसके अलावा हमें 14 दिन क्वारंटीन की गाइडलाइंस को भी मानना होगा।'
रोबटर्स ने बीसीसीआई के अपने संबंधो को मजबूत बताते हुए कहा था कि पांच मैचों की सीरीज निश्चित तो नहीं है लेकिन इसकी संभावना जरूर है। रोबर्टस ने पिछले महीने संवाददाताओं से वीडियो कॉल पर बात करते हुए कहा था, आने वाले सीजन में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को लेकर निश्चित्ता नहीं है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि बीसीसीआई और क्रिकेट आस्ट्रेलिया के संबंध काफी मजबूत हैं। हमने भविष्य में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के बारे में चर्चा की है। यह ऐसी चीज है जिसे लेकर हम सभी प्रतिबद्ध हैं, सवाल यह है कि क्या हम इसे 2023 की टूर साइकिल में ला सकते हैं या नहीं।
गौरतलब है कि भारत का पिछला ऑस्ट्रेलिया दौरा विराट सेना के लिए काफी अच्छा साबित हुआ था। भारतीय टीम ने उस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वहां पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचा था। हालांकि अब कुछ ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों द्वारा कहा जा रहा है कि उस सीरीज के समय ऑस्ट्रेलिया के दो सबसे शानदार खिलाड़ी डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ टीम का हिस्सा नहीं थे जिसका भारतीय टीम को फायदा मिला था। दोनों दिग्गज उस समय बॉल टैंपरिंग मामले में मिली प्रतिबंध की सजा काट रहे थे, लेकिन इस बार ये दोनों मैदान में मौजूद होंगे और ये टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होगा।