- युवराज सिंह ने 2011 विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक जमाया था
- युवी ने बताया कि वह विश्व कप खिताब जीतने के लिए भगवान से क्या प्रार्थना कर रहे थे
- युवराज सिंह ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया
नई दिल्ली: युवराज सिंह ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। युवराज सिंह को भारत के सबसे दमदार बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। बाएं हाथ के बल्लेबाज में छक्के जमाने की अपार क्षमता थी और वह तेजतर्रार शतक जमाने के लिए जाने जाते थे। युवराज ने भारत को अपने दम पर कई मैच जिताए और मैच विनर की तमगा भी हासिल किया। इस तरह का प्रदर्शन उन्होंने 2011 विश्व कप में भी किया था। क्रिकेट फैंस अच्छी तरह जानते हैं कि भारत की 2011 विश्व कप खिताबी जीत के पीछे युवराज सिंह का बड़ा हाथ रहा। उन्होंने गेंद व बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को मात देकर ट्रॉफी हासिल की और पंजाब के क्रिकेटर को मैन ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया।
युवराज ने आज ही के दिन 2011 विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक अद्भुत पारी खेली थी। टीम इंडिया ने जल्दी-जल्दी सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर के विकेट गंवा दिए थे। तब युवराज सिंह ने विराट कोहली के साथ भारतीय पारी का मोर्चा संभाला और तीसरे विकेट के लिए 122 रन की साझेदारी की। कोहली 59 रन बनाकर आउट हो गए।
बीच मैदान बिगड़ी तबीयत
चेन्नई में गर्मी ज्यादा थी। युवराज सिंह टीम इंडिया को अच्छी स्थिति में पहुंचाने के लिए जोर लगा रहे थे। मगर चिंता तब बढ़ गई जब उनकी तबीयत खराब होना शुरू हुई। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने मैदान पर ही कई बार उलटियां की। वह काफी बीमार नजर आ रहे थे। युवराज ने बाद में एक इंटरव्यू में कहा था, 'मुझे पहले तो लगा कि चेन्नई की गर्मी का असर पड़ रहा है, शायद तभी तबीयत बिगड़ रही है। मैं हमेशा से विश्व कप में शतक जमाना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका क्योंकि छठें नंबर पर बल्लेबाजी करता था। मगर वीरू इस मैच में बाहर बैठे तो मैंने कुछ बड़ा कमाल करने का फैसला किया। मैंने भगवान से प्रार्थना की कि चाहे जो भी हो जाए। अगर मैं मर भी जाऊं, बस भारत को विश्व कप जिता देना।'
विश्व कप का पहला शतक
युवराज सिंह ने इस मैच में अपना पूरा जोर लगाया और विश्व कप का अपना पहला शतक ठोका। युवी ने 123 गेंदों में 91.86 के स्ट्राइक रेट और 10 चौके व दो छक्के की मदद से 113 रन बनाए। भारतीय टीम का निचलाक्रम फ्लॉप रहा और पूरी टीम 49.1 ओवर में 268 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कहर बरपाया और वेस्टइंडीज को 188 रन पर ढेर कर दिया।
युवी ने बल्ले के बाद गेंदबाजी में भी अपना दम दिखाया और डेवोन थॉमस व आंद्रे रसेल के विकेट चटकाए। युवी ने 4 ओवर में 18 रन देकर दो विकेट लिए। इस शानदार प्रदर्शन के लिए युवराज सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया।