- भारतीय बोर्ड के 50 साल होने के उपलक्ष्य में खेला गया था टेस्ट
- इंग्लैंड की टीम ने भारत आकर खेला था टेस्ट मैच
- इयान बॉथम और बॉब टेलर ने बरपाया था कहर
मुंबई: साल 1980 की बात है। भारतीय बोर्ड के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत और इंग्लैंड के बीच बॉम्बे के वानखेड़े स्टेडियम पर गोल्डन जुबली टेस्ट खेला गया था। यह भारतीय टीम के लिए बेहद खास टेस्ट था, जिसे वह विशेष बनाने से चूक गया क्योंकि इंग्लैंड के एक खिलाड़ी ने ऐसा प्रदर्शन किया जो लंबे समय तक क्रिकेट फैंस भूल नहीं सकते। इस टेस्ट की शुरुआत 15 फरवरी 1980 को हुई थी। भारतीय टीम के कप्तान गुंडप्पा विश्वनाथ ने बॉम्बे की हरी पिच पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
गलत साबित हुआ फैसला
विश्वनाथ का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला पूरी तरह गलत साबित हुआ। इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर इयान बॉथम के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए। बॉथम ने 22.5 ओवर किए, जिसमें 7 मेडन सहित 58 रन देकर 6 विकेट चटकाए। इसके अलावा ग्राहम स्टीवसन ने दो जबकि जॉन लीवर ने एक विकेट चटकाया। भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ स्कोरर सुनील गावस्कर रहे, जिन्होंने 68 गेंदों में 4 चौके और एक छक्के की मदद से 49 रन बनाए। भारतीय टीम की पहली पारी 242 रन पर ढेर हुई। कोई बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं बना सका।
भारत का जोरदार पलटवार
इंग्लैंड ने पहले दिन की समाप्ति तक 3 रन बिना किसी नुकसान के बना लिए थे। अगले दिन यानी 16 फरवरी को रेस्ट डे रहा। इसके बाद 17 फरवरी को इंग्लैंड ने अपनी पारी आगे बढ़ाई, लेकिन तब भारत ने जोरदार पलटवार किया। कर्सन घावरी और कपिल देव ने मिलकर इंग्लैंड के खस्ता हाल कर दिए। मेहमान टीम 58 रन पर 5 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी।
बॉथम ने पलट दी बाजी
यहां से इयान बॉथम (114) ने पूरी बाजी पलट दी। उन्होंने बॉब टेलर (43) के साथ मिलकर छठें विकेट के लिए 171 रन की साझेदारी की और इंग्लैंड की वापसी कराई। वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद 50 हजार दर्शकों के सामने बॉथम ने दो घंटे और 26 मिनट में शतक जमा दिया। बॉथम ने इस दौरान स्पिनर्स का डटकर मुकाबला किया और काफी आकर्षक शॉट जमाए। यह टेस्ट में तीसरा मौका था जब बॉथम ने एक पारी में पांच विकेट लिए और शतक भी जमाया। कर्सन घावरी ने बॉथम को एलबीडब्ल्यू आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा। इंग्लैंड की पहली पारी 296 रन पर ऑलआउट हुई। मेहमान टीम ने पहली पारी के आधार पर 54 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।
बॉथम से हारे, टेलर ने भी बनाया रिकॉर्ड
जब भारतीय टीम तीसरे दिन बल्लेबाजी करने उतरी। तब बॉथम ने करीब साढ़े चार घंटे तक बिना आराम किए गेंदबाजी की। यानी वह एक छोर पर डटे रहे। बॉथम से भारत हार गया। उन्होंने दूसरी पारी में 26 ओवर डाले, जिसमें 7 मेडन सहित 48 रन देकर 7 विकेट चटकाए। बॉथम को जॉन लीवर का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने बचे हुए तीन विकेट लिए। भारत की दूसरी पारी केवल 149 रन पर ढेर हो गई। इंग्लैंड को जीत के लिए 96 रन का आसान लक्ष्य मिला। भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर कपिल देव रहे, जिन्होंने 82 गेंदों में पांच चौके की मदद से नाबाद 45 रन बनाए।
बॉथम ने चौथे दिन पहली गेंद शिवलाल यादव (15) को बॉब टेलर के हाथों झिलवाया। बॉब टेलर एक टेस्ट में 10 कैच लेने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने। टेलर ने वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया था। वहीं बॉथम ने मैच में 106 रन देकर 13 विकेट चटकाए और 114 रन की पारी खेली। बॉथम पहले खिलाड़ी बने थे, जिन्होंने एक मैच में 10 विकेट और शतक जमाया। इस प्रदर्शन ने बॉथम को सुपर ह्यूमन बना दिया।
इंग्लैंड बना चैंपियन
इंग्लैंड को जीत के लिए 96 रन का आसान लक्ष्य मिला था। ग्राहम गूच (49*) और ज्योफ्री बॉयकॉट (43*) ने बिना किसी नुकसान के भारत को 10 विकेट की करारी शिकस्त दी।
संक्षिप्त स्कोर:
भारत - 242 और 149
इंग्लैंड - 296 और 98/0
बॉथम से हारा भारत
भारतीय टीम गोल्डन जुबली टेस्ट को बेशक यादगार नहीं बना सकी, लेकिन वह इंग्लैंड के एक खिलाड़ी इयान बॉथम से हार गई। बॉथम ने मैच में कुल 13 विकेट लिए और शतक जमाया। उनका यह प्रदर्शन क्रिकेट फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे। इसके अलावा बॉब टेलर के वर्ल्ड रिकॉर्ड ने भी इस टेस्ट को यादगार बना दिया।