एडिलेड: ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट करियर का पहला तिहरा शतक जड़ा। 335 रन की नाबाद पारी खेलते हुए उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के सबसे बड़े टेस्ट स्कोर के आंकड़े को भी पार कर लिया। इसके ठीक बाद कंगारू कप्तान टिम पेन ने पारी समाप्ति की घोषणा कर दी। ऐसे में वो वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा का सबसे बड़ टेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ने से भी चूक गए। हालांकि वॉर्नर ने नाम डे-नाइट टेस्ट में सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड जरूर दर्ज हो गया। उन्होंने पाकिस्तान के मौजूदा कप्तान अजहर अली के इस रिकॉर्ड को तोड़ा जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ यूएई में बनाया था।
वॉर्नर ने नाबाद 335 रन की पारी खेलने के बाद पवेलियन वापस लौटे हुए दरियादिली दिखाई। उन्होंने अपना हेलमेट और ग्लव्स एक बच्चे को दे दिया। लेकिन इसके बाद मौजूद बच्चों के बीच हेलमेट को पाने के लिए छीना झपटी मच गई। वॉर्नर ने जिस बच्चे के हाथ में हेलमेट और ग्लव्स दिए थे उसके पास ये किसी और बच्चे के हाथ में पहुंच गया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया में हेलमेट के असली हकदार को लेकर बहस छिड़ गई।
वीडियो और तस्वीरों में यह साफ देखा जा सकता है कि वॉर्नर ने हेलमेट और उसके अंदर रखे ग्लव्स एक छोटे बच्चे को दिया था लेकिन वहां मौजूद लोगों की दीवानगी का ये आलम था कि उन्होंने इसे हासिल करने के लिए छीना झपटी शुरू कर दी। थोड़े समय बाद ये हेलमेट तीन किशोर लड़कों के ग्रुप के पास दिखाई दिया। कुछ देर बाद आधिकारिक प्रसारणकर्ता ने एक अन्य बच्चे का इंटरव्यू यह बताकर प्रसारित किया कि उसे हेलमेट मिला है। ऐसे में दर्शक कन्फ्यूज हो गए कि आखिरकार वार्नर ने हेलमेट किस बच्चे को दिया था। ऐसे में क्रिकट ऑस्ट्रेलिया ने कदम उठाते हुए उसे अपने कब्जे में कर लिया।
अंत में जैक नाम के बच्चे को हेलमेट दिया गया। उसे आखिरी में हेलमेट का असली हकदार पाया गया। उस हलमेट में वॉर्नर के ऑटोग्रॉफ और 335 नंबर दर्ज है। यह उनके लिए जीवन का यादगार लम्हा है। हालांकि जिन बच्चों के हाथों में आकर हेलमेट उनसे दूर चला गया वो जरूर दुखी होंगे लेकिन कुछ उस ऐतिहासिक हेलमेट को अपने साथ रखने का अनुभव भी उन्हें अच्छा करने के लिए प्रेरित करेगा।