- भारत ने अपना पहला टी20 इंटरनेशनल मैच 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था
- टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को इस मुकाबले में 6 विकेट से मात दी थी
- भारतीय टीम की तरफ से दिनेश कार्तिक को मैन ऑफ द मैच चुना गया था
नई दिल्ली: टी20 क्रिकेट का आविष्कार साल 2003 में जब हुआ तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस प्रारूप के पक्ष में नहीं था। इसे अपनाने के लिए बोर्ड को करीब तीन साल लग गए और भारतीय टीम ने आखिरकार अपना पहला टी20 इंटरनेशनल मैच 1 दिसंबर 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला। भारतीय टीम तब दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई थी। टी20 इंटरनेशनल मैच का आयोजन चौथे और पांचवें वनडे के बीच रखा गया था। भारत ने जोहानसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में अपना टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया।
टीम इंडिया ने टी20 इंटरनेशनल का धमाकेदार आगाज किया और मेजबान टीम को 6 विकेट से मात दी। प्रोटियाज ने पहले बल्लेबाजी की और 126 रन बनाए। भारत की जीत के हीरो दिनेश कार्तिक रहे, जिन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। कार्तिक ने 28 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 31 रन बनाए थे। उनकी पारी की बदौलत भारत ने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर मुकाबला जीता।
चलिए हम आपको इस मैच से जुड़ी 5 रोचक और अनोखी बातें बताते हैं, जो शायद ही आप जानते हो:
1) सहवाग थे टीम के कप्तान - 2006 के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के नियमित कप्तान थे। वह इस मुकाबले में भी नजर आने वाले थे, दुर्भाग्यवश वह तीसरे वनडे में चोटिल होकर शेष सीरीज से बाहर हो गए। ऐसे में टीम इंडिया की कमान उप-कप्तान वीरेंद्र सहवाग के हाथों में आई। विस्फोटक ओपनर ने एक टी20 इंटरनेशनल मैच के अलावा आखिरी दो वनडे में भी टीम का नेतृत्व किया। उल्लेखनीय, यह पहला और आखिरी मौका था जब सहवाग ने टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कमान संभाली। वीरू ने बल्ले से दम दिखाया और 29 गेंदों में पांच चौके व एक छक्के की मदद से 34 रन बनाए। वैसे, सहवाग ने चार टेस्ट और 12 वनडे में भारतीय टीम का नेतृत्व किया, लेकिन वह कभी किसी भी प्रारूप में पूर्णकालिक कप्तान नहीं बन सके।
2) दिनेश मोंगिया का एकमात्र टी20 मैच - दिनेश मोंगिया उस समय भारतीय टीम का भविष्य माने जाते थे। सौरव गांगुली के नेतृत्व में मोंगिया को लगातार भारतीय टीम में मौके मिले। वह 2003 विश्व कप टीम का हिस्सा भी रहे। मगर इसके बाद मोंगिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से गायब होते दिखे। उन्हें वीवीएस लक्ष्मण, एमएस धोनी, मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह के लिए टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया। बहरहाल, दक्षिण अफ्रीका दौरे पर मोंगिया टीम के साथ थे और उन्हें इस टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मौका मिला। यह उनके करियर का एकमात्र टी20 इंटरनेशनल मैच रहा। बड़ी बात बता दें कि मोंगिया इस मैच में भारतीय टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 45 गेंदों में 38 रन बनाए थे। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने दिनेश कार्तिक के साथ अच्छी साझेदारी की थी, जिसकी बदौलत भारतीय टीम मैच जीतने में कामयाब रही।
3) अगरकर का मेडन ओवर - अजित अगरकर ने इस मैच में बेहतरीन गेंदबाजी की थी। यह उनका टी20 इंटरनेशनल डेब्यू तो था ही, लेकिन बड़ी बात यह थी कि उन्होंने घरेलू स्तर पर भी कभी टी20 मैच नहीं खेला था। अगरकर ने इस मैच में मेडन ओवर करके सभी को हैरान कर दिया था। टी20 क्रिकेट में मेडन ओवर बहुत दुर्लभ ही देखने को मिलता है क्योंकि बल्लेबाज हमेशा रन बनाने की फिराक में दिखता है। यही नहीं, अगरकर ने हर्शेल गिब्स और एबी डिविलियर्स के दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए थे। हालांकि, अपने कोटे का तीसरा ओवर करते समय वह चोटिल हो गए और फिर मैच में गेंदबाजी नहीं कर सके। अगरकर ने इस मैच में 2.3 ओवर में एक मेडन सहित 10 रन देकर दो विकेट चटकाए। बता दें कि अगरकर 2007 वर्ल्ड टी20 चैंपियन टीम का हिस्सा भी थे।
4) बिना खाता खोले आउट हुए थे माही - इसकी कम ही लोगों ने उम्मीद की होगी। एमएस धोनी इस टी20 इंटरनेशनल मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे और दो गेंदों का सामना करने के बाद शून्य पर आउट होकर डगआउट लौट गए। सहवाग के आउट होने के बाद धोनी क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए थे। उनसे बड़े-बड़े शॉट लगाने की उम्मीद थी। मगर वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। धोनी ने फिर 2007 वर्ल्ड टी20 में भारतीय टीम की कमान संभाली और टीम को चैंपियन बनाया।
5) सचिन तेंदुलकर का एकमात्र टी20 इंटरनेशनल विकेट - महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी अपने करियर का एकमात्र टी20 इंटरनेशनल मैच खेला था। चूंकि अगरकर अपना गेंदबाजी स्पेल पूरा नहीं कर सके थे तो कप्तान सहवाग ने उनके ओवर पार्ट-टाइमर से कराने की योजना बनाई। सहवाग ने इसके लिए सचिन तेंदुलकर से मदद ली, जिन्होंने निराश नहीं किया। न सिर्फ तेंदुलकर ने अगरकर के ओवर पूरे करने में मदद की बल्कि एक महत्वपूर्ण विकेट भी लिया। तेंदुलकर ने जस्टिन कैंप का अहम विकेट लिया था, जो 22 रन बनाकर खेल रहे थे। तेंदुलकर ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट किया। सचिन ने 2.3 ओवर में 12 रन देकर एक विकेट चटकाया। तेंदुलकर ने दोबारा कभी टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला, तो यह उनका एकमात्र विकेट रहा। तेंदुलकर ने 12 गेंदों में दो चौके की मदद से 10 रन बनाए थे।