क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे मुकाबले हुए जो विवादों की वजह से खत्म हुए। ऐसा ही एक मुकाबला 2009 में भी खेला गया था जिसने सबसे लंबे क्रिकेट फॉर्मेट का सबसे छोटा मुकाबला होने का रिकॉर्ड बनाया। हम बात कर रहे हैं 2009 में नॉर्थ साउंड में खेले गए इंग्लैंड-वेस्टइंडीज मैच की। गेंदों के हिसाब से ये मैच अब तक का सबसे छोटा टेस्ट मैच साबित हुआ।
इंग्लैंड की टीम 2009 में वेस्टइंडीज के दौरे पर थी। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 13 से 17 फरवरी के बीच नॉर्थ साउंड में खेला जाना था। मैच में वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड के ओपनर्स एलेस्टर कुक और कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस पिच पर उतरे लेकिन कुछ ही देर के बाद जब सिर्फ 10 गेंदें फेंकी गई थीं, मैच को ड्रॉ घोषित करने के साथ इसे खत्म करने का निर्णय ले लिया गया।
क्या थी वजह?
दरअसल, मैच में पहली गेंद से ही गेंदबाजों को दौड़ने में समस्या हो रही थी। उनका पांव बार-बार मैदान में धंस रहा था क्योंकि हाल ही में उस मैदान को तैयार किया गया था और इसमें रेत इतनी ज्यादा थी कि गेंदबाजों को रन अप में काफी मुश्किल आ रही थी। कैरेबियाई गेंदबाज फिडल एडवर्ड्स ने दो तीन बार गेंद करने की कोशिश की लेकिन कभी वो लड़खड़ा जाते तो कभी गेंद फेंकने में सक्षम नहीं दिखते।
इसके बाद अंपायरों ने मैदान का निरीक्षण किया औऱ 1.4 ओवर के बाद ही मैच को वहीं खत्म कर दिया गया। इंग्लैंड ने तब तक 7 रन बनाए थे। मैच ड्रॉ रहा और गेंदों के हिसाब से आज तक का सबसे छोटा टेस्ट मैच भी है।
ये था दिनों के हिसाब से सबसे छोटा टेस्ट मैच
अगर बात करें दिनों के हिसाब से सबसे छोटे टेस्ट मैच की तो ये रिकॉर्ड 21 बार बना जब दो टीमों के बीच टेस्ट मैच कुल 2 दिन में नतीजे के साथ समाप्त हो गया। ऐसा सबसे पहली बार अगस्त 1882 में हुआ था जब ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को ओवल मैदान पर 2 दिन में शिकस्त दे दी थी। जबकि ऐसा अंतिम बार जून 2018 में हुआ था जब भारतीय टीम ने अफगानिस्तान को बेंगलुरू टेस्ट में 2 दिन में हरा दिया था। दो दिनों में मैच जीतने के मामले में सबसे आगे इंग्लैंड रहा है जिसने 9 बार ये कमाल किया जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 8 बार ये रिकॉर्ड दर्ज किया।