इंग्लैंड को क्रिकेट का जन्मदाता कहा जाता है। लेकिन एक सदी बीतने के बावजूद इंग्लैंड की टीम कभी आइसीसी वनडे विश्व कप का खिताब नहीं जीत पाई थी। ऐसे में साल 2019 में इयोन मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड टीम ने इतिहास रच डाला और पहली बार वह वनडे विश्व कप चैंपियन बनी। इंग्लैंड के लिए यह एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि थी और मॉर्गन हीरो बन गए। इस खिताब के बाद माना जा रहा था कि 2023 में होने वाले अगले वनडे विश्व कप में भी वही टीम की कमान संभालेंगे। लेकिन वक्त बदलते देर नहीं लगती और लगातार खराब प्रदर्शन के कारण मॉर्गन ने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया।
नीदरलैंड दौरा बुरे सपने की तरह रहा
इंग्लैंड की टीम जून में तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलने के लिए नीदरलैंड के दौरे पर गई थी। विश्व चैंपियन इंग्लैंड के सामने नीदरलैंड काफी कमजोर टीम थी। इंग्लैंड ने जोरदार प्रदर्शन किया और सीरीज को 3-0 से आसानी से जीत ली। लेकिन इंग्लैंड टीम के कप्तान इयोन मॉर्गन के लिए यह सीरीज बुरे सपने की तरह रही। उन्हें दो मैचों में बल्लेबाजी करने का मौका मिला लेकिन वह दोनों मैचों में खाता ही नहीं खोल सके। लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे मॉर्गन के लिए यह एक बड़ा झटका था।
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खराब फॉर्म के कारण लिए बड़ा फैसला
यह बात 19 जून की है। रविवार को नीदरलैंड के खिलाफ दूसरी बार शून्य पर आउट होने के बाद जब मॉर्गन निराश होकर पवेलियन लौट रहे थे, तब उनके दिमाग में काफी बातें चल रही थी। मैच के बाद जब मोर्गन वेस्टकोर्ड फैशन होटल के अपने कमरे में पहुंचे तो उन्होंने टीम के हित में एक बड़ा फैसला लेने का मन बना लिया था। वह बिस्तर पर लेटे और लगातार अपने करियर और भविष्य के बारे में सोचने लगे। आखिर में उन्होेंने फैसला किया कि अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के अधिकारियों, अपने साथी खिलाड़ियों और अपने परिवार को अपने फैसले के बारे में बताया।
टीम का हित सबसे ऊपर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मॉर्गन ने टीम के हित को देखते हुए यह फैसला लिया। दरअसल, इस साल अक्तूबर-नवंबर में आइसीसी का टी-20 विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में होना है। वहीं, साल 2023 में आइसीसी वनडे विश्व कप का आयोजन भारत में होना है। मॉर्गन का मानना है कि अब उनके स्थान पर किसी युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए क्योंकि कप्तान की खराब फॉर्म का असर टीम के प्रदर्शन पर भी पड़ता है। मॉर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड ने 126 वनडे खेले और 76 जीते। वहीं, 72 टी-20 मैचों मे कप्तानी करते हुए मॉर्गन ने टीम को 42 में जीत दर्ज कराई है।
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