नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते पूरे विश्व में खेल कार्यक्रम रद्द या स्थगित किए गए हैं। ऐसे में अब क्रिकेट फैंस की जुबान पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अक्टूबर में ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर आयोजित होने वाला टी20 विश्व कप मुमकिन है? कई पक्ष ऐसे सामने आए हैं जिन्होंने ये कहा कि इस बार टी20 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होना नामुमकिन लग रहा है, हालांकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने उम्मीद जताते हुए विश्व कप को कराने के सुझाव दिए हैं। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस ने भी एक ऐसा आइडिया दिया है जो वाकई काम आ सकता है।
बांग्लादेशी दिग्गज तमीम इकबाल के साथ ऑनलाइन बात करते हुए फाफ डुप्लेसिस ने टी20 विश्व कप का आयोजन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही कराने का सुझाव दिया है। उनके मुताबिक मौजूदा हालातों को देखते हुए टूर्नामेंट से पहले और बाद में खिलाड़ियों को दो हफ्ते तक पृथक (Isolation) में रखा जा सकता है। हालांकि डुप्लेसिस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इस घातक बीमारी का अधिक असर नहीं होने के बावजूद यात्रा करना समस्या होगी।
डुप्लेसिस ने कहा, ‘मुझे नहीं पता... पढ़ रहा हूं कि यात्रा करना कई देशों के लिए समस्या हो सकती है और वे दिसंबर या जनवरी की बात कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया अन्य देशों जितना प्रभावित नहीं है फिर भी बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका या भारत से लोगों को लाना जहां अधिक खतरा है, बेशक ये उनके स्वास्थ्य को लेकर खतरा है। लेकिन आप टूर्नामेंट से दो हफ्ते पहले पृथक रह सकते हो और फिर टूर्नामेंट में खेल सकते हो और फिर दो हफ्ते पृथक रहो।’
पुराने दिनों की तरह नाव में नहीं जा सकते
दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और भारत सहित दुनिया भर के कई देशों से यात्रा संबंधित पाबंदियां लगाई हैं और डुप्लेसिस ने मजाकिया लहजे में कहा कि पुराने दिनों की तरह नाव से यात्रा करना विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं पता कि दक्षिण अफ्रीका यात्रा संबंधित पाबंदियां कब हटाएगा क्योंकि हम पुराने दिनों की तरह वहां नाव में नहीं जा सकते।’
ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 की स्थिति
अब तक कोरोना की वजह से दुनिया भर में 44 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुक हैं जबकि लगभग तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी है। बात अगर टी20 विश्व कप के मेजबान देश ऑस्ट्रेलिया की करें तो अब तक वहां गुरुवार तक 6984 मामलों की पुष्टि हुई जिसमें से 6271 लोग ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं। वहां अब तक 98 मौतें हुई हैं।