- वेस्टइंडीज का भारत दौरा 2022 - वनडे सीरीज - अहमदाबाद
- वनडे सीरीज से पहले भारतीय टीम को अपने पहले अभ्यास का मौका मिला
- भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला वनडे 6 फरवरी को खेला जाएगा
भारतीय टीम और उनके फैंस को शुक्रवार को थोड़ी राहत मिली। टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले शुक्रवार को अपना पहला व्यापक अभ्यास सत्र पूरा किया। गुरुवार को टीम ने हल्के सत्र को आयोजित किया था, जहां खिलाड़ियों के साथ ट्रेनर भी थे। शिखर धवन, रुतुराज गायकवाड़ और श्रेयस अय्यर की तिकड़ी को छोड़कर शुक्रवार को सभी खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ कोविड-19 जांच में नेगेटिव आने के बाद अभ्यास सत्र में मौजूद थे। खिलाड़ियों ने दूधिया रोशनी में अभ्यास किया और यह एक पूर्ण सत्र था। समझा जाता है कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई को खिलाड़ियों से मिलवाया।
विराट कोहली, ऋषभ पंत और अन्य खिलाड़ियों ने नेट पर बल्लेबाजी की, जबकि एकदिवसीय टीम में वापसी कर रहे कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़ी ने गेंदबाजी की। तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और हरफनमौला शारदुल ठाकुर ने भी नेट में गेंदबाजी की। सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल तीन दिन के लिए पृथकवास हैं और लोकेश राहुल के उपलब्ध नहीं होने पर शुरुआती मैच के लिए एक विकल्प होंगे।
विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन को भी एकदिवसीय टीम में शामिल किया गया है और वह भी पारी की शुरुआत कर सकते हैं। बुधवार को भारतीय क्रिकेट टीम के तीन मुख्य खिलाड़ी - सीनियर सलामी बल्लेबाज धवन, रिजर्व सलामी बल्लेबाज गायकवाड़ और मध्यक्रम के बल्लेबाज अय्यर - वेस्टइंडीज श्रृंखला शुरू होने से पहले अनिवार्य पृथकवास के दौरान हुई कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आये थे।
चार अन्य लोग भी कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आये थे जिसमें नेट गेंदबाज नवदीप सैनी भी शामिल थे। सैनी भी स्टैंडबाई सूची में शामिल हैं। कोविड-19 पॉजिटिव आने वाले अन्य तीन सदस्य क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप, सुरक्षा संपर्क अधिकारी बी लोकेश और मालिशिया राजीव कुमार हैं। भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी सफेद गेंद की श्रृंखला के लिये 31 जनवरी को अहमदाबाद में इकट्ठा हुई थी।
श्रृंखला छह फरवरी से अहमदाबाद में शुरू होगी जो भारत का 1000 वां वनडे मैच होगा। पर अब यह निश्चित हो गया है कि धवन, रूतुराज और अय्यर की तिकड़ी श्रृंखला में नहीं खेल पायेगी क्योंकि उन्हें एक हफ्ते लंबे पृथकवास में रहना होगा और फिर आरटी-पीसीआर की जांच में दो बार नेगेटिव आना होगा।