- गौतम गंभीर का मानना है कि सिर्फ धोनी ही सबसे सफल कप्तान नहीं हैं
- गंभीर ने विराट कोहली की भी तारीफ की है
- गंभीर ने और भी कई सवालों के जवाब दिए
नई दिल्ली : गौतम गंभीर और एमएस धोनी की बहुप्रतीक्षित अनबन हमेशा से ही एक कहानी रही है। हालांकि, पूर्व सलामी बल्लेबाज समय-समय पर धोनी पर तंज कसते हुए नजर आए हैं। लेकिन हाल के दिनों में वह कभी भी विकेटकीपर-बल्लेबाज की आलोचना करने से पीछे नहीं हटे हैं। पूर्व बाएं हाथ का ये बल्लेबाज हमेशा से ही विभिन्न विषयों पर अपनी राय साझा करने से कतराता नहीं है और उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान कुछ और पहलुओं पर प्रकाश डाला है।
यह पूछे जाने पर कि क्या धोनी अब तक के सबसे अच्छे भारतीय कप्तान हैं, गंभीर ने दावों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया, लेकिन यह उल्लेख किया कि सौरव गांगुली, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ ने भी भारतीय टीम के कप्तान के रूप में शानदार भूमिका निभाई। इसके अलावा गंभीर ने मौजूदा कप्तान विराट कोहली की आईसीसी विश्व कप 2019 संस्करण में कप्तानी पर भी टिप्पणी की।
एक टेलीविजन समाचार चैनल से बात करते हुए, गंभीर ने धोनी की कप्तानी पर बात करते हुए कहा, 'यदि आप आंकड़े देखते हैं, तो वह (धोनी) सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य कप्तानों ने बुरा प्रदर्शन किया है। सौरव गांगुली ने अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने गांगुली की कप्तानी में भी बाहर जीत हासिल की है। विराट कोहली की कप्तानी में, हमने दक्षिण अफ्रीका में वनडे सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीती है।'
गंभीर ने कहा, 'यह सही है कि एमएस धोनी ने हमें दो विश्व कप (2007 और 2011) जिताए हैं, लेकिन टीम की सफलता और नाकामी के लिए कप्तान को सारा श्रेय और केवल उसकी आलोचना करना उचित नहीं है। धोनी चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप जीत चुके हैं लेकिन अन्य कप्तानों ने भी भारत को आगे बढ़ाया है। अनिल कुंबले जैसे कप्तानों ने भी टीम के लिए अहम भूमिका निभाई। हालांकि, उन्होंने लंबे समय तक काम नहीं किया। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भी भारत ने इंग्लैंड को उन्हीं की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में हराया, जो आज तक कोई कप्तान नहीं कर पाया।'
गंभीर ने धोनी के पहले 'टैक्टिकल मूव' के बारे में भी खुलासा किया, जो 2007 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में विश्व टी-20 के फाइनल के दौरान आया था। टी-20 विश्व कप फाइनल 2007 में पाकिस्तान को छह गेंदों पर 12 रन चाहिए थे और धोनी ने हरभजन सिंह की जगह जोगिंदर शर्मा को गेंद थमा दी थी। हालांकि धोनी की इस सोच की कई लोगों ने सराहना की, गंभीर को लगा कि जोगिंदर के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। इसलिए धोनी को जोगिंदर को ही गेंद देनी पड़ी।'
गंभीर ने कहा, 'क्योंकि टी-20 विश्व कप 2007 के फाइनल में अंतिम ओवरों में भज्जी की गेंदबाजी पर मिस्बाह ने काफी रन लूट लिए थे। इसलिए कप्तान के पास जोगिंदर शर्मा के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं था।' हालांकि, यह अभी भी धोनी द्वारा लिए गए सबसे यादगार फैसलों में से एक है। यह स्पष्ट रूप से उनके निर्भीक और साहसिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
इसके अलावा गंभीर ने भारत के विश्व कप 2019 अभियान के बाद कोहली की कप्तानी पर भी बात की। वह कोहली की कप्तानी से काफी प्रभावित दिखे। गंभीर का मानना है कि कोहली को मैदान पर रोहित और धोनी के होने से कप्तानी में काफी लाभ मिला।गौरतलब है कि विश्व कप के बाद अब टीम इंडिया को 3 अगस्त से वेस्टइंडीज का दौरा करना है।
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