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गौतम गंभीर ने किया खुलासा, इस शख्‍स के लिए दे सकते हैं अपनी जान

Updated May 04, 2020 | 00:19 IST

Gautam Gambhir on Anil Kumble: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने अनिल कुंबले की नेतृत्‍व क्षमता की जमकर तारीफ की। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि अगर कुंबले लंबे समय के लिए कप्‍तान होते तो कई रिकॉर्ड्स तोड़ते।

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गौतम गंभीर
मुख्य बातें
  • गौतम गंभीर ने भारत के दिग्‍गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले की जमकर तारीफ की
  • गंभीर ने वो समय याद किया जब कुंबले ने सहवाग और उनकी ओपनिंग जोड़ी पर भरोसा जताया
  • गंभीर ने अनुमान लगाया कि अगर कुंबले लंबे समय के लिए कप्‍तान होते तो कई रिकॉर्ड्स तोड़ देते

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर अपनी बात स्‍पष्‍ट रूप से बोलने के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर बेबाकी से अपनी बात सबके सामने रखना पसंद करते हैं। पूर्व खब्‍बू बल्‍लेबाज ने क्रिकेट से संबंधित कई विषयों पर खुलकर अपने विचार रखे हैं और कई बार पूर्व दिग्‍गज स्पिनर व कप्‍तान अनिल कुंबले की नेतृत्‍व क्षमता की तारीफ कर चुके हैं। कुंबले ने कम समय के लिए भारतीय टेस्‍ट टीम की कमान संभाली। उनके कप्‍तान रहते भारत ने तीन टेस्‍ट जीते जबकि पांच में शिकस्‍त झेलनी। 

हालांकि, कुंबले ने मुश्किल सीरीज में भारतीय टीम का नेतृत्‍व किया जैसे 2007-08 में ऑस्‍ट्रेलिया दौरा, 2007 में घर में पाकिस्‍तान का सामना और श्रीलंका में सीरीज। भारत के लिए सबसे ज्‍यादा टेस्‍ट विकेट लेने वाले अनिल कुंबले को तब कमान सौंपी गई जब भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही थी और एमएस धोनी को पूर्ण कालिक रूप से कप्‍तानी सौपने में समय दिया जाना था। कुंबले की नेतृत्‍वक्षमता की तारीफ कई साथी करते हैं। 

ऐसे ही गौतम गंभीर ने एक घटना को याद किया जहां उन्‍होंने बताया कि कुंबले किस हद तक जाकर अपने खिलाड़‍ियों का समर्थन करते थे। गंभीर ने बताया कि 2008 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ महत्‍वपूर्ण घरेलू सीरीज के लिए कुंबले ने वीरेंद्र सहवाग और उन पर भरोसा जताया था।

अगर मुझे किसी के लिए जान देनी पड़े, तो वो कुंबले होंगे

गंभीर ने स्‍पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा, 'मैं और सहवाग डिनर कर रहे थे जब कुंबले आए और बोले कि आप दोनों पूरी सीरीज में ओपनिंग करेंगे चाहे जो भी हो जाए। अगर आप दोनों 8 पारियों में बिना खाता खोले आउट भी हो जाएं, तो भी फर्क नहीं पड़ता। मैंने ऐसे शब्‍द अपनी जिंदगी में कभी किसी के मुंह से नहीं सुने थे। इसलिए अगर मुझे किसी के लिए अपनी जान देनी होगी तो वो अनिल कुंबले होंगे। वह शब्‍द आज भी मेरे दिल में हैं।'

कुंबले के समर्थन का असर यह हुआ कि गंभीर ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में अपना सर्वश्रेष्‍ठ टेस्‍ट स्‍कोर (206) बनाया। उल्‍लेखनीय है कि यही कुंबले के अंतरराष्‍ट्रीय करियर का आखिरी मैच भी साबित हुआ। जब गंभीर से अपनी ऑल टाइम सर्वश्रेष्‍ठ भारतीय टेस्‍ट टीम चुनने को कहा गया तो उन्‍होंने अनिल कुंबले को ही कप्‍तान चुना। गंभीर ने यह भी अनुमान लगाया कि अगर कुंबले लंबे समय के लिए कप्‍तान होते तो कई रिकॉर्ड्स तोड़ते।

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