- पूर्व भारतीय कोच व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्रेग चैपल ने भारतीय टीम को लेकर दिया बड़ा बयान
- ग्रेग चैपल ने जमकर की भारतीय क्रिकेट की तारीफ, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को दी नसीहत
- राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख व पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ की जमकर की तारीफ
एक समय था जब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ग्रेग चैपल भारतीय टीम के कोच बने थे और फिर ऐसा विवाद हुआ कि उनके हाथ से नौकरी चली गई। सौरव गांगुली के साथ मतभेदों से लेकर टीम में फूट डालने व टीम को कमजोर करने की साजिश जैसे तमाम आरोप उन पर लगे थे। उस बात को अब काफी समय बीत चुका है और ग्रेग चैपल मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट के मुरीद हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट की जमकर तारीफ की, अपने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को नसीहत दी और राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट को मजबूत बनाने का सबसे अहम किरदार बताया। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलियाई दिमागों से ये कला सीखी।
ग्रेग चैपल का मानना है कि पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने आस्ट्रेलियाई ‘दिमागों’ को पढ़कर भारत में उनके देश से बेहतर प्रतिभा खोज प्रणाली तैयार की। चैपल को हालांकि मलाल है कि ऑस्ट्रेलिया में फिलहाल ऐसी प्रणाली की कमी है जबकि देश एक समय युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ था। चैपल ने कहा कि युवा प्रतिभा की पहचान में भारत और इंग्लैंड दोनों ने आस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ दिया है और उन्हें सफल होने के लिए मंच मुहैया करा रहे हैं।
'द्रविड़ ने ये हमसे सीखा'
चैपल ने ‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ से कहा, ‘‘भारत ने सफलता हासिल की और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राहुल द्रविड़ ने हमारे से सीखा, देखा कि हम क्या कर रहे हैं और भारत में इसे दोहराया और उनके पार अधिक विकल्प (जनसंख्या) थे।’’ द्रविड़ बेंगलुरू की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट संचालन निदेशक हैं। वह 2016 से 2019 के बीच भारत ए और भारत अंडर-19 टीम के मुख्य कोच रहे।
मुश्किल में पड़ सकता है ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स का भविष्य
सर्वकालिक दिग्गज बल्लेबाजों में से एक चैपल ने चेताया कि घरेलू ढांचे के कारण प्रतिभावान आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को अपने करियर में मुश्किल हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से हम युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ में से एक थे और उन्हें व्यवस्था से जोड़कर रखते थे लेकिन मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्ष में इसमें बदलाव आया है।’’ चैपल ने कहा, ‘‘मैंने युवा खिलाड़ियों का समूह देखा है जिनमें बहुत प्रतिभा है लेकिन उन्हें मौके नहीं मिल रहे। यह अस्वीकार्य है।’’
ऑस्ट्रेलिया ने अधिकार गंवा दिया है
चैपल का मानना है कि आस्ट्रेलिया ने यह अधिकार गंवा दिया है कि वे स्वयं को प्रतिभा की पहचान करने में सर्वश्रेष्ठ कह सकें। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम प्रतिभा खोज में सर्वश्रेष्ठ होने का अपना स्थान गंवा चुके हैं। मुझे लगता है कि अब इंग्लैंड हमारे से बेहतर कर रहा है और भारत भी हमारे से बेहतर कर रहा है।’’
भारत के युवा खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के धुरंधरों जैसे
इसी साल की शुरुआत में कई अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भारत की दूसरे दर्जे की टीम ने आस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर हराकर बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीती थी। करिश्माई कप्तान विराट कोहली भी पितृत्व अवकाश के कारण चार मैचों की श्रृंखला का एक ही मैच खेल पाए थे।
चैपल का मानना है कि भारत ने बेहद प्रभावी खिलाड़ी विकास प्रणाली दिखाई है और उनके युवा खिलाड़ियों के पास भी विस्तृत अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।
इस पूर्व भारतीय कोच ने कहा, ‘‘अगर आप ब्रिसबेन टेस्ट में खेलने वाली भारतीय टीम को देखो तो इसमें तीन या चार नए खिलाड़ी थे और सभी ने कहा था कि यह भारत की दूसरी एकादश है। ये खिलाड़ी भारत ए के लिए काफी मैच खेले थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और वह भी सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विभिन्न हालात में। इसलिए जब उन्हें चुना गया तो वे नए नवेले खिलाड़ी नहीं थे, वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर थे।’’