- तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं
- जोश हेजलवुड की तुलना महान ग्लेन मैक्ग्रा से होती आई है
- जोश हेजलवुड एक छोटे से शहर बेंडेमीर के रहने वाले हैं
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड आज अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं। हेजलवुड ने हाल ही में एडिलेड में संपन्न टेस्ट मैच में गजब की गेंदबाजी करके भारत को उसके सबसे कम टेस्ट स्कोर 36 रन पर ऑलआउट करने में अहम भूमिका अदा की थी। जोश हेजलवुड को छोटे शहर का हीरो भी कहा जाता है। हेजलवुड अपनी सफलता का श्रेय पिता ट्रेवर को देते हैं। जोश हेजलवुड ने एक पोडकास्ट में कहा था, 'मेरे अंदर की प्रतिभा पिता से आई क्योंकि मेरा कद और शरीर उन्हीं पर गया है।' जोश हेजलवुड का ताल्लुक सिडनी के उत्तर हिस्से 300 किमी की दूरी पर बने बेंडेमीर से है।
जोश हेजलवुड जिस बेंडेमीर के हैं, वहां की जनसंख्या 300 लोगों की कुछ रही होगी, जहां जोश और उनके बड़े भाई आरोन ने खूब अभ्यास किया। जिस बेंडेमीर हाई स्कूल में जोश हेजलवुड पढ़ाई करते थे, वहां 30 बच्चे थे। जोश और उनके भाई आरोन पूरे दिन क्रिकेट खेलने में बिताते थे। बेंडेमीर एक टूरिस्ट स्पॉट जैसी जगह है, जहां का मेला लोगों को काफी आकर्षित करता है। मगर इसके अलावा वहां सिर्फ क्रिकेट और स्कूल है।
अपने भाई से लंबा कद
जोश हेजलवुड की लंबाई अपने बड़े भाई आरोन से भी ज्यादा थी। कई बार तो दोस्त इसी उलझन में थे कि दोनों में से बड़ा कौन है। जोश महज 12 या 13 साल के थे, जब उन्होंने ग्रेड मैच खेला और विरोधी टीम के परखच्चे उड़ा दिए थे। मैच के बाद अंपायर ने जोश के पिता से पूछा कि 20-25 साल के लड़के को कहां से खिलाने लाए, जिसके जवाब में पिता ने कहा- जोश अभी 13 साल का है। यह जानकर अंपायर दंग रह गए। सिर्फ कद ही नहीं, जोश हेजलवुड के पास गति और परिपक्वता भी जल्द ही आ चुकी थी। वह किसी भी बल्लेबाज को परेशान करने में सक्षम थे और जरूरत पड़ने पर अच्छी बल्लेबाजी करके शतक भी जमा देते थे।
पिता का भरोसा हमेशा रहा कायम
शुरूआत में तो आरोन पर सभी की उम्मीदें टिकी थी कि यह जल्द ही क्रिकेट टीम में सेलेक्ट होगा। मगर पिता को हमेशा से अपने छोटे बेटे जोश की क्षमता पर भरोसा था। वह अपने दोस्तों को भी बोलते थे कि जोश हेजलवुड में ज्यादा आगे जाने की क्षमता है। कई दोस्तों ने तो तेज गेंदबाज के पिता से शर्त भी लगाई थी कि जोश हेजलवुड को 30 की उम्र के पहले बैगी ग्रीन कैप नहीं मिलने वाली। हालांकि, जोश हेजलवुड ने 23 की उम्र में डेब्यू कर लिया था। अब तक हेजलवुड ने 53 टेस्ट खेले, जिसमें 202 विकेट चटकाए। वहीं 54 वनडे में 88 विकेट जबकि 9 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 9 विकेट झटके हैं। बेंडेमीर के एक गेटवे पर लिखा है- बेंडेमीर में स्वागत- हेजलवुड का गृहनगर।
महान मैक्ग्रा से तुलना
जोश हेजलवुड की आमतौर पर तुलना महान ग्लेन मैक्ग्रा से हुई। मैक्ग्रा के समान ही जोश हेजलवुड भी अपनी सटीक लाइन लेंथ के लिए जाने जाते है। बता दें कि जोश हेजलवुड को बचपन के कोच जॉन मुलर ने तेज गेंदबाज बनने के लिए जोर दिया था। मैक्ग्रा भी हेजलवुड को अपना उत्तराधिकारी मानने से नहीं चूके। उन्होंने कहा था, 'जोश हेजलवुड काफी प्रतिभाशाली और क्षमतावान हैं। वह निश्चित ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी सफल होंगे।'
जेवलिन चैंपियन
12 साल के लड़के ने 53.11 मीटर का जेवलिन थ्रो किया था। यह राज्य स्कूल का रिकॉर्ड था। हालांकि, जोश हेजलवुड ने कभी जेवलिन को गंभीरता से नहीं लिया। वह कह चुके हैं, 'मैं 12 साल का था जब पहली बार जेवलिन थ्रो किया था। मैं स्कूल से राज्य और फिर आगे तक गया। मैंने नेशनल्स भी खेला और कुछ गोल्ड मेडल जीते। वो अच्छा समय था, लेकिन मेरा रुझान क्रिकेट की तरफ ज्यादा था।'
इस दुख को नहीं भूल पाएंगे
जोश हेजलवुड को अपने करियर में सबसे बड़ा मलाल रहा 2019 विश्व कप के लिए सेलेक्ट नहीं होना। हेजलवुड विश्व कप से काफी पहले पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे थे और समय पर ठीक नहीं होने के कारण उनका चयन नहीं हुआ था। इस पर गुस्सा जताते हुए हेजलवुड ने कहा था, 'मैं विश्व कप नहीं देख पाउंगा क्योंकि इससे मुझे काफी दर्द महसूस होगा। मुझे विश्व कप नहीं खेलने का मलाल रहेगा। हालांकि, जैसा मेरे बारे में कहा गया है तो मैं अपना पूरा ध्यान एशेज सीरीज पर लगाउंगा।'