- हरभजन सिंह के राजनीति के मैदान में हाथ आजमाने की लग रही हैं अटकलें
- मैदान से विदाई लेने का रह गया भज्जी को मलाल
- चयनकर्ताओं पर भज्जी ने लगाया दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप
वैभव भोला की रिपोर्ट-
नई दिल्ली: दुनियाभर में टर्नबेटर के नाम से मशहूर स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। शनिवार को वो जलंधर के उस मैदान पर पहुंचे जहां से उन्होंने क्रिकेट का ककहरा सीखना शुरू किया था। इसी दौरान उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ एक्सक्लूजिव बातचीत में अपने करियर की दूसरी पारी के बारे में खुलासा किया।
कयास लगाए जा रहे हैं कि भज्जी राजनीति के मैदान में करियर की दूसरी पारी में हाथ आजमा सकते हैं। इस बारे में भज्जी ने कहा कि क्रिकेट उनके जीवन का अहम हिस्सा था है और रहेगा। वो क्रिकेट के बगैर नहीं रह सकते। क्रिकेट के बगैर मेरा वजूद नहीं है। मैं क्रिकेट से बतौर कोच या मेंटोर जुड़ा रहूंगा। मेरी क्रिकेट अकादमी हैं जिनमें मैं काम करता रहूंगा।
आगे करना चाहूंगा देश की सेवा
भज्जी ने कहा, मैंने देश के लिए कई साल क्रिकेट खेला। लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया। लेकिन मुझे आगे भी देश की सेवा करने का जिस किसी तरीके से मौका मिलेगा उसके जरिए करना चाहूंगा। मुझे लोगों को सर्व करने का मौका मिलेगा तो मैं वो करना चाहूंगा। मैं जिंदगी में उस लिहाज से आगे बढ़ना चाहूंगा कि लोगों के जीवन में थोड़ा बहुत भी बदलाव ला सकूं,अगर ऐसा हुआ तो ये मेरी खुशनसीबी होगी।'
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सोच समझकर करूंगा राजनीति में प्रवेश
भज्जी ने आगे कहा, राजनीति लोगों के लिए कुछ करने का अच्छा प्लेटफॉर्म है। अगले कुछ सालों में मुझे देखना है कि मेरा विजन किस तरफ है। मुझे क्या-क्या काम करने हैं। 23 साल मेरे काफी बिजी रहा है। अब मैं थोड़ा समय घर वालों को देना चाहता हूं। अगर मैंने अभी से ही राजनीति में कदम रखा तो घरवालों को फिर समय नहीं दे पाऊंगा।
भज्जी ने आगे कहा, मैं राजनीति में जाने के बारे में जो भी निर्णय लूंगा और जब भी लूंगा। वो मैं काफी सोच समझकर लूंगा। क्योंकि ये आसान काम नहीं है। वहां आपको हर किसी से मिलना होता है, उनकी समस्या को सुलझानी होती है। इसके लिए आपके पास पॉवर और पैसा होना चाहिए। ये चीजें आपको चाहिए। मैं तभी ये कदम उठाउंगा जब मैं अपना 100 प्रतिशत वहां दे सकूं और अच्छी तरह काम कर सकूं।
मुझे मैदान से विदाई की नहीं मिला मौका
हरभजन सिंह ने कहा, मुझे साल 2016 में मैदान से संन्यास ले लेना चाहिए था। मैं इंतजार करता रहा था कि एक बार फिर वापसी होगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। साल 2018 में सीएसके के साथ आईपीएल सीजन बहुत अच्छा गया लेकिन उसके बाद भी वापसी का मौका नहीं मिला। इसके बाद मैंने सोचा कि अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। क्योंकि आपकी डोर किसी और के हाथ में है। जो नाप तौल कर रहे हैं वो आपके लिए किसी और तराजू का इस्तेमाल कर रहे हैं बाकियों के लिए कोई और है। इसलिए इन चीजों में पड़ो नहीं भगवान ने बहुत कुछ दिया है।