- हार्दिक पांड्या भारतीय टीम के साथ श्रीलंका दौरे पर हैं
- हार्दिक पांड्या टीम के सीनियर सदस्य बनकर श्रीलंका गए हैं
- हार्दिक पांड्या के बचपन के कोच निराश हैं कि ऑलराउंडर को कप्तान नहीं बनाया
नई दिल्ली: हार्दिक पांड्या ने 2016 में डेब्यू किया और इसके बाद उन्होंने भारत के सबसे शानदार ऑलराउंडर्स में एक के रूप में खुद को स्थापित किया। एक समय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में हार्दिक पांड्या की जगह पक्की हो चुकी थी, लेकिन अब टेस्ट टीम में उनकी वापसी नहीं हो रही है।
हार्दिक पांड्या ने 2018 में इंग्लैंड दौरे के बाद से टेस्ट नहीं खेला है, जहां उन्होंने ट्रेंटब्रिज में एक पारी में 5 विकेट लिए थे। हार्दिक पांड्या ने 11 टेस्ट में 31.29 की औसत से 532 रन बनाए और 17 विकेट लिए।
इस बीच हार्दिक पांड्या के बचपन के कोच जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऑलराउंडर में सुधार और परिपक्वता है कि वह टेस्ट क्रिकेट में सफल हो सकता है। उन्होंने क्रिकेट नेक्स्ट को दिए इंटरव्यू में कहा, 'हार्दिक पांड्या योगदान दे सकता है। उसके पास तकनीक और सुधार व परिपक्वता है कि अगर उसे मौका मिले तो वो खुद को साबित कर सकता है। परिस्थितियां उसके लिए मायने नहीं रखती क्योंकि उसकी तकनीक बेहद सरल और साधारण है।'
हार्दिक पांड्या अच्छा कप्तान साबित होता: जितेंद्र सिंह
हार्दिक पांड्या इस समय श्रीलंका में वनडे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज की तैयारियों में जुटे हैं। विराट कोहली की गैरमौजूदगी में शिखर धवन को कप्तान नियुक्त किया गया है। हालांकि, जितेंद्र सिंह ने कहा कि हार्दिक पांड्या को टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए थी। इस सीरीज की शुरूआत 18 जुलाई से होगी।
जितेंद्र सिंह ने कहा, 'मैं निराश हूं। हार्दिक पांड्या कप्तानी के लिए बेहतर विकल्प होता क्योंकि उसे खेलते हुए पांच से सात साल हो चुके हैं। उसके नए विचार हैं और वह काफी ऊर्जावान है। वह विशेषकर सफेद गेंद क्रिकेट में कप्तानी के लिए अच्छा निवेश होता।'
जितेंद्र ने साथ ही ध्यान दिलाया कि पिछले पांच सालों में स्टारडम मिलने के बावजूद भी हार्दिक में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने कहा, 'नहीं, वह बिलकुल नहीं बदला है। वह बिलकुल वैसा ही है, जैसा कि अंडर-16 क्लब के समय होता था। उसने मुझे कई चीजें सिखाई है। अगर आप अच्छे इंसान हो तो आप बेहतर क्रिकेटर भी हो। क्रिकेट आपके चरित्र का बाय-प्रोडक्ट होता है।'