- हर्षल पटेल मोहाली के बाद नागपुर में साबित हुए टीम के लिए मंहगे गेंदबाज
- नागपुर में 2 ओवर में हर्षल ने 16 की इकोनॉमी के साथ लुटाए 32 रन
- डेथ ओवरों में करियर की गेंदबाजी की तुलना में बेहद खराब रहा है हर्षल का प्रदर्शन
नागपुर: भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी टी20 विश्व कप 2022 से पहले उसके लिए समस्या बनती जा रही है। डेथ ओवरों में खराब गेंदबाजी की वजह से टीम को लगातार करीबी मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। एशिया कप 2022 के फाइनल में भारतीय टीम के नहीं पहुंच पाने की बड़ी वजह गेंदबाजी ही रही थी। अनुभवी गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार पहले की तरह कंजूसी से गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं। वहीं युवा गेंदबाज भी आखिरी के ओवरों में अपनी छाप छोड़ने में माकाम रहे हैं।
हर्षल ने नागपुर में लुटाए 2 ओवर में 32 रन
बुमराह की मौजूदगी टीम मैनेजमेंट की चिंता कुछ हद तक दूर कर देती है लेकिन दूसरे छोर से गेंदबाजी करने वाली खिलाड़ी किफायती साबित नहीं हो रहा है। ऐसा ही शुक्रवार को नागपुर में एक बार फिर हुआ। 8वें ओवर में गेंदबाजी करने आए हर्षल पटेल ने तीन छक्के सहित कुल 19 रन लुटा दिए। उन्होंने मैच में 2 ओवर में कुल 32 रन दिए और सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए। इससे पहले मोहाली में भी उन्होंने 4 ओवर में 49 रन दिए थे और वहां भी कोई सफलता उनके हाथ नहीं लगी थी।
डेथ ओवरों में लुटाए हैं 11 की इकोनॉमी से रन
हर्षल पटेल के 19 मैच लंबे अंतरराष्ट्रीय टी20 करियर पर अगर नजर डालें तो पाएंगे कि वो लगातार डेथ ओवरों में रन लुटा रहे हैं। 16 बार उन्होंने टीम के लिए डेथ ओवरों में गेंदबाजी की है। इस दौरान 27.1 ओवर(163 गेंद) में उन्होंने 297 रन दिए हैं। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 10.93 की रही है और 11 विकेट लेने में वो सफल हुए हैं।
करियर के आंकड़ों से बेहद खराब है डेथ ओवर की गेंदबाजी
अगर हर्षल के अंतरराष्ट्रीय टी20 करियर पर नजर डालें तो इस दौरान खेले 19 मैच की 18 पारियों में उन्होंने 24.47 के औसत और 9.05 की इकोनॉमी के साथ कुल 23 विकेट चटकाए हैं। शुरुआती या बीच के ओवरों में उन्होंने 210 गेंद यानी 35 ओवर में 266 रन खर्च किए हैं और 12 विकेट भी चटकाए हैं।
डेथ ओवरों में हर्षल का गेंदबाजी प्रदर्शन उनके करियर के आंकड़ों से कहीं अधिक खराब है। वो पांच बार करियर में एक मैच में 40 रन से ज्यादा खर्च कर चुके हैं। आयरलैंड जैसी टीम के खिलाफ वो डब्लिन में 4 ओवर में 54 और धर्मशाला में श्रीलंका के खिलाफ 52 रन लुटा चुके हैं। ऐसे में बड़ी टीमों के खिलाफ टी20 विश्व कप जैसे बड़े मंच पर डेथ ओवरों में उनकी गेंदबाजी पर भरोसा जताना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।