- अमला ने कहा बदलाव के दौर से गुजर रही है टीम
- युवाओं को देना चाहिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव हासिल करने के लिए समय
- संन्यास से नहीं करेंगे वापसी, अपने निर्णय से हैं खुश
रांची: भारत के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैच गंवा चुकी दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम परेशानी में है। रांची में 19 अक्टूबर से सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच खेला जाएगा। ऐसे में उसके पास अपनी साख बचाने का ये आखिरी मौका है। यदि इस मैच को अपने नाम करने में अफ्रीकी टीम नाकाम रही तो उसकी यह भारत के खिलाफ भारत में लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज हार होगी जिसमें वो एक भी एक भी मैच जीतने में नाकाम रहेगी। पिछले भारत दौरे पर भी उसने चार मैच की सीरीज 0-3 के अंतर से गंवाई थी।
ऐसे में सीरीज गंवा चुकी दक्षिण अफ्रीकी टीम को पूर्व दिग्गज हाशिम अमला का साथ मिला है। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज अमला ने कहा, 'ये वक्त दक्षिण अफ्रीकी टीम को पुनर्गठित करने का है।' उन्होंने कहा, हममें से कुछ खिलाड़ी तकरीबन एक दशक तक खेले और अब टीम के साथ नहीं हैं। ऐसे में टीम को पुनर्गठित होने में वक्त लगेगा। यदि आप पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि सभी टीमें बदलाव के दौर से गुजरी हैं और हमारे साथ भी ऐसा ही हो रहा है।'
उनसे जब यह पूछा गया कि वो फिट हैं और प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं तो क्या वो संन्यास से वापसी करेंगे तो उन्होंने इस बारे में कहा, नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करूंगा। जैसा कि मैंने पहले कहा कि मैंने दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ अपने सफर का पूरा तुल्फ उठाया और मैं अपने निर्णय पर खुश हूं। अब वक्त युवा खिलाड़ियों का है।'
विशाखापट्टनम और पुणे में जैसी विकेट पर क्रिकेट खेली गई वो पारंपरिक भारतीय विकेट हैं जहां मैच के पहले हाफ में जमकर रन बनते हैं और दूसरे हाफ में स्पिन गेंदबाजों का दबदबा रहता है। ऐसे में भारतीय टीम ने मेहमान टीम को बुरी तरह कुचल दिया। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी में धार नजर नहीं आई और उनकी बल्लेबाजी भी सवालों के घेरे में रही। ऐसे में अमला ने कहा, युवा खिलाड़ियों का समर्थन करें और उन्हें विश्वास दें। ऐसा करने पर ही टीम अपने पैर जमाकर बेहतरीन टीम बनने में सफल होगी।'
हाशिम अमला और एबी डिविलियर्स जैसे स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टीम की बल्लेबाजी का भार डीन एल्गर, क्विंटन डिकॉक और डुप्लेसी जैसे सीनियर खिलाड़ियों के कंधों पर आ गया है। डीन एल्गर और क्विंटन डिकॉक ने पहले टेस्ट में शतक जमाया। डुप्लेसी ने दो अर्धशतक जड़कर पारी को संभाला। लेकिन एडेन मार्करम, टेम्बा बवूमा और थेनिस ब्रुयन जैसे बल्लेबाज छाप छोड़ने में नाकाम रहे।
ऐसे में अमला का मानना है कि युवा खिलाड़ियों को थोड़ा वक्त देना चाहिए। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय अनुभव एक ऐसी चीज है जो आपको दो तीन साल इंटनरेशनल क्रिकेट में बिताकर हासिल होता है। आपको इतना वक्त युवा खिलाड़ियों को देना होगा।'