- नासिर हुसैन ने बताया कि तेंदुलकर को आउट करने के लिए बहुत बैठकें की
- इयान बिशप ने कहा कि तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे चुनौतीपूर्ण रहा
- दोनों ने सचिन तेंदुलकर की शानदार तकनीक की जमकर तारीफ की
नई दिल्ली: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि सचिन तेंदुलकर और उनकी 'शानदार तकनीक' के कारण उनकी टीम को सिर्फ इस महान भारतीय बल्लेबाज को आउट करने की रणनीति बनाने के लिए कई बैठकें करनी पड़ती थीं। तेंदुलकर ने 2013 में संन्यास लेने से पहले दो दशक तक भारतीय क्रिकेट में दबदबा बनाया हुआ था, जिसमें उनके नाम कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड रहे, जिसमें टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन बनाने के अलावा सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक भी शामिल हैं।
सचिन की तकनीक शानदार
हुसैन ने याद करते हुए कहा, 'जब मैं सर्वकालिक बल्लेबाजों की बात करता हूं तो सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी। जब मैं इंग्लैंड का कप्तान था तो मुझे याद नहीं कि हम सिर्फ तेंदुलकर को आउट करने पर चर्चा के लिए कितनी टीम बैठकें किया करते थे।' वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पोडकास्ट 'क्रिकेट इनसाइड आउट' के ताजा एपिसोड पर इयान बिशप और एलमा स्मिट से बात कर रहे थे।
हुसैन ने कहा, 'मेरे लिये, पूरी दुनिया के सभी हिस्सों में रन बनाना तकनीक है और मैं उसे पसंद करता हूं जो सहज ढंग से खेलते हैं और गेंद को बल्ले पर आने देते हैं। मेरे हिसाब से केन विलियमसन के पास मौजूदा दौर में बहुत अच्छी तकनीक है, वह गेंद को सहज ढंग से देरी से खेलता है।'
तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे कठिन
उन्होंने कहा, 'टी20 क्रिकेट के कारण खिलाड़ी वर्तमान में काफी आक्रामक खेलते हैं, विलियमसन सभी तीनों प्रारूपों में खेल सकता है और प्रत्येक के हिसाब से अपने खेल को बदल सकता है।' बिशप ने भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की, उसमें तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे कठिन था। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने करियर में जिन बल्लेबाजों को गेंदबाजी की थी, उनमें से सचिन तेंदुलकर एक थे, जिन्हें गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल होता था। वह हमेशा 'स्ट्रेट लाइन' में हिट किया करते थे।'
स्कूल में कौन तिहरा शतक जमाता है?
हाल ही में पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ा पहली याद का किस्सा साझा किया था। उन्होंने कहा था, 'सचिन के बारे में, पूरी भारतीय अंडर-19 टीम कहती थी कि ये लड़का कितना शानदार है। वो तो स्कूल में पढ़ रहा था और तिहरा शतक जमा रहा था। स्कूल में कौन तिहरा शतक जमाता है? स्कूल में तो शतक जमाना भी बड़ी बात मानी जाती थी।'
वकार ने आगे कहा, 'हमें हमेशा से पता था कि ये युवा लड़का आगे चलकर बहुत शानदार बल्लेबाज बनने वाला है। पहली बार में मुझे सचिन से वैसा प्रभाव नहीं मिला कि वह महान सचिन तेंदुलकर बनेंगे, जो आज हैं। उन्होंने इतने सालों में मैदान के अंदर और बाहर जो किया, वो शानदार है। उस समय मुझे एहसास नहीं था कि वह क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बनेगा। मगर उसकी कड़ी मेहनत काम आई।'